दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों में एक स्टीफ़न हॉकिंग अब हमारे बीच नहीं रहे. 76 साल की उम्र में उनका निधन हो गया है. हॉकिंग कई सालों से Motor Neurone नामक बीमारी से पीड़ित थे. युवावस्था में उन्हें ये बीमारी हुई थी और डॉक्टरों ने उन्हें जीने के लिए दो साल दिए थे. लेकिन न ही वो अब तक जीवित रहे, बल्कि उन्होंने अपने ज्ञान और काम से ब्रह्माण्ड को कई सालों तक प्रज्वलित किया.

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हॉकिंग ने साल 1974 में ब्लैक होल्स की थ्योरी से पूरी दुनिया में नाम कमाया था, जिसके बाद में इस थ्योरी को ‘हॉकिंग रेडिएशन’ के नाम से जाना गया. इसमें उन्होंने था कि ब्लैक होल्स एनर्जी लीक करते हैं और सिफ़र में विलीन हो जाते हैं. हॉकिंग थ्योरी ऑफ कॉस्मोलॉजी के भी जनक माने जाते हैं, जिसे रिलेटिविटी और क्वांटम मैकेनिक्स का संयोजन कहा जाता है. उनकी किताब ‘ए ब्रीफ़ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम’ 1988 में आई थी, जिसकी एक करोड़ से ज़्यादा कॉपियां बिकी हैं.

हॉकिंग की मौत की जानकारी उनकी बेटी लूसी, बेटे रॉबर्ट और टिम ने दी जिसमें उन्होंने कहा, “हम बेहद दुखी हैं कि हमारे पिता अब नहीं रहे. वो एक महान वैज्ञानिक थे और एक अद्भुत इंसान भी थे. उनका काम लोगों के बीच अमर रहेगा.”

साल 2014 में उनके ऊपर एक फिल्म बनी थी जिसका नाम था ‘द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग’. इस फिल्म में एडी रेडमेन ने हॉकिंग की ऐतिहासिक भूमिका निभाई थी. इसके लिए रेडमायने को बेस्ट एक्टर का ऑस्कर भी मिला था.