Abdul Karim Telgi Story: बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक हंसल मेहता ‘स्कैम 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी’ (Scam 1992: The Harshad Mehta Story) की सफ़लता के बाद अब ‘स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी’ (Scam 2003: The Telgi Story) वेब सीरीज़ लेकर आने वाले हैं. इसमें भारत के मशहूर स्टैंप पेपर घोटाले (Stamp Paper Scam) के आरोपी अब्दुल करीम तेलगी (Abdul Karim Telgi) की कहानी दिखाई जाएगी.
ये भी पढ़ें: जानिए शेयर मार्केट का सबसे बड़ा घोटाला करने वाले हर्षद मेहता का परिवार आज क्या कर रहा है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक़, ये वेब सीरीज़ एक हिंदी किताब रिपोर्टर की डायरी (Reporter Ki Diary) पर बेस्ड है. इस किताब को अब्दुल करीम तेलगी की स्टोरी ब्रेक करने वाले जर्नलिस्ट संजय सिंह ने लिखा है. इस सीरीज़ में ये देखना दिलचस्प होगा कि आख़िर कैसे एक मूंगफली बेचने वाले ने इतने बड़े स्टैंप पेपर घोटाले को अंजाम दिया था.
चलिए आज हम आपको ‘स्टैंप पेपर घोटाले’ को अंजाम देने से पहले वाले ‘अब्दुल करीम तेलगी’ की स्टोरी बताने जा रहे हैं.
कौन था अब्दुल करीम तेलगी (Abdul Karim Telgi)?
कर्नाटक के खानापुर में एक इंडियन रेलवे कर्मचारी के घर जन्मे अब्दुल करीम तेलगी (Abdul Karim Telgi) पर साल 2001 में स्टैंप पेपर घोटाले (Stamp Paper Scam) का आरोप लगा था. इस स्कैम ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस घोटाले का पर्दाफ़ाश होने के बाद तेलगी को जेल जाना पड़ा था. उसके ख़िलाफ ठोस सुबूत मिले थे. वो कई सालों तक जेल में ही रहा, लेकिन साल 2017 में तेलगी का निधन हो गया था.
कैसे एक फल बेचने वाले ने किया देश का सबसे बड़ा घोटाला?
अब्दुल करीम तेलगी (Abdul Karim Telgi) एक बेहद साधारण परिवार से आया था. कम उम्र में ही पिता की मौत हो गई. परिवार सब्ज़ी, फल और मूंगफली बेचता था. तेलगी भी ट्रेन में इन्हें जाकर बेचता था. हालांकि, उसने पढ़ाई नहीं छोड़ी थी. सर्वोदय विद्यालय से उसने अपनी शुरुआती पढ़ाई की और बी कॉम पास किया.
तेलगी को अब पैसा कमाना था. ऐसे में उसने मुंबई की ओर रूख किया. वो कुछ वक़्त यहां रहा, फिर सऊदी चला गया. हालांकि, वो एक बार फिर मुंंबई वापस आया और ट्रैवल एजेंट का काम करने लगा. यहीं से उसने ग़ैर-क़ानूनी काम करने शुरू किए. यहां वो लोगों को सउदी भेजने के लिए कई जाली डॉक्यूमेंट्स और स्टैम पेपर्स बनाने लगा. ऐसा नहीं था कि उस पर किसी की नज़र नहीं पड़ी. साल 1993 में इमिग्रेशन अथॉरिटी ने उसे पकड़ा भी और जेल भी भेजा.
क्या था स्टैंप पेपर घोटाला (Stamp Paper Scam)?
बॉलीवुड एक्ट्रेसस का दीवाना था तेलगी
कहते हैं कि तेलगी मुंबई के ग्रांट रोड में टोपाज़ बार में रोज़ाना जाता था. ये बार बॉलीवुड एक्ट्रेसस की डुप्लीकेट्स को डांसर के तौर पर रखने के लिए फ़ेमस था. यहां तेलगी की मुलाक़ात माधुरी दीक्षित जैसी दिखने वाली एक बार डांसर से हुई. बताते हैं कि तेलगी उस बार डांसर का इस कदर दीवाना था कि उसने 31 दिसंबर 2000 की रात को उस बार डांसर पर 90 लाख रुपये उड़ा दिए थे.
डेंजरस माइंड्स क़िताब में दावा किया गया है कि बार डांसर ने एक पत्रकार को बताया था कि करीम साहब को बॉलीवुड का जुनून था. वो उस वक़्त की बॉलीवुड हीरोइनों के साथ सोने की कल्पना करते थे. मगर जब वो असल में बॉलीवुड की एक्ट्रेसस तक नहीं पहुंच पाया, तो उसने हीरोइनों की डुप्लीकेट बार डांसर्स को देखना शुरू कर दिया.
साल 2001 में हुआ गिरफ़्तार
अब्दुल करीम तेलगी (Abdul Karim Telgi) को साल 2001 में अजमेर से पुलिस ने गिरफ़्तार किया. उसका केस CBI को सौंप दिया गया. CBI की छानबीन में ये बात सामने आई कि तेलगी की मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई और अन्य शहरों में 36 प्रॉपर्टीज हैं. 18 देशों में 100 से ज़्यादा बैंक खाते हैं. छानबीन में मालूम पड़ा कि उसका घोटाला क़रीब 20 हज़ार करोड़ रुपये का था. साल 2006 में अब्दुल करीम तेलगी और उनके बाकी के साथियों को इस स्कैम के लिए 30 साल की सजा हुई. इसके अलावा सभी पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया. इसके बाद 56 साल की उम्र में साल 2017 में अब्दुल करीम तेलगी की मौत हो गई.