कुछ दिनों पहले बेंगलुरु में पढ़ने आई अफ्रीका के युगांडा की रहने वाली 25 वर्षीय Florence Nakayaki का मर्डर हो गया था. परिवार वालों के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो हत्या के 18 दिनों बाद भी Florence की लाश को शवगृह से अपने घर ले जा सकें.

Florence की लाश को उनके घर भेजने के लिए उनके सहपाठी आगे आये, और एक ऑनलाइन कैम्पेन चलाया. उन्होंने अपनी इस कोशिश से उन्होंने 2 लाख रुपये जुटाए और Florence के शव को उसके घर भेजा.

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Florence की हत्या उनके बॉयफ्रेंड ईशान सूल ने की थी, जिसे बाद में गिरफ़्तार कर लिया गया. ईशान के मुताबिक सेक्स के बाद दोनों के बीच पैसों को ले कर बहस हुई. इस दौरान फ्लॉरेंस ने ईशान पर चाकू उठा लिया, जिसे ईशान ने छीन कर Florence की गर्दन पर वार कर दिया, जिससे मौके पर ही Florence की मौत हो गई.

Florence के शव को उसके देश भेजने के लिए पुलिस ने युगांडा हाई कमीशन से बात की, जहां Florence के घर सूचित करने के साथ ही से सभी कागज़ी कार्यवाही को पूरा कर लिया गया. इसके बावजूद जब किसी ने सम्पर्क नहीं किया, तो दोबारा कमीशन से सम्पर्क किया. यहां से इस बात का पता चला कि Florence के घर वालों के पास इतने पैसे नहीं है कि वो अपनी बेटी का शव भी ला सके. जैसे ही ये बात स्टूडेंट्स के बीच पहुंची, उन्होंने अभियान चलाया और Florence का शव घर पहुंचाया.