सेनेटरी पैड को GST फ़्री बनाने के लिए स्टूडेंट्स एक अनोखी पहल करने जा रहे हैं. 4 जनवरी को ये मुहीम शुरू की गयी थी, जिसे सोशल मीडिया पर खूब समर्थन मिल रहा है.
Sanitary napkins have been placed under 12% GST. Women use things during their menstrual days which is fatal to them. Instead of giving subsidy, it has been placed under luxury item. So we started this campaign. We aim to send 1000 pads to the govt by 3rd March: Hari Mohan pic.twitter.com/Fo0hI3NQV5
— ANI (@ANI) January 9, 2018
GST लागू होने के बाद से सेनेटरी पैड पर 12 प्रतिशत GST लगने लगा है. इस कारण कई महिलाएं इनका इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं. इस स्थिति को बदलने के लिए मध्य प्रदेश के स्टूडेंट्स सेनेटरी पैड पर सन्देश लिख रहे हैं. जब ऐसे 1,000 पैड्स इक्कठे हो जायेंगे, तब उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के पास भेजा जायेगा.
ये आंदोलन इसलिए किया जा रहा है, ताकि ग़रीब महिलाओं को मुफ़्त में पैड्स मिल सकें और वो साफ़-सफ़ाई के प्रति जागरूक हो सकें. ये महिलाओं की मूलभूत ज़रूरत है, जिस पर टैक्स नहीं लगना चाहिए.
#MadhyaPradesh: A group of social workers in Gwalior start a campaign encouraging women to write down their views on menstrual hygiene on sanitary napkins to mark their protest against it being placed under 12% GST. pic.twitter.com/1SKIFiuErP
— ANI (@ANI) January 9, 2018
ग़रीब महिलाएं आज भी माहवारी के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करती हैं, जिससे बीमारी और संक्रमण का ख़तरा रहता है. इसके लिए सब्सिडी देने के बजाय सरकार ने पैड पर टैक्स लगा रखा है. महिलाओं के स्वस्थ बने रहने के लिए इस नियम को बदले जाने की ज़रूरत है.