35 वर्षीय कुनाल महेश्वरी ने दिल्ली NCR से कई गाड़ियां चुरायी हैं. पुलिस को सालों से उसकी तलाश थी, लेकिन वो अब जाकर गिरफ़्त में आया है. पुलिस भी ये देख कर चौंक गयी कि अब उसका चेहरा उसकी फ़ोटो से मेल नहीं खाता. दरअसल, पकड़े जाने से बचने के लिए उसने प्लास्टिक सर्जरी करा कर अपना चेहरा बदल लिया था.

अब तक ये आदमी कई सौ गाड़ियां चुरा चुका है. पांच साल पहले उसने अपनी पहचान छुपाने के लिए प्लास्टिक सर्जरी का सहारा लिया था. उसे 13 अक्टूबर, 2017 को एक चुरायी हुई Hatchback कार के साथ पकड़ा गया है.

उसने अपने साथियों का नाम भी बता दिया है. इस काम में इरशाद अली और मोहम्मद शादाब उसका साथ दे रहे थे. वो लगभग हर दूसरे दिन एक कार चुराते थे. इस क्रिमिनल के पकड़े जाने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है.

पुलिस तनुज नाम के एक क्रिमिनल को ढूंढ रही थी. उन्हें जानकारी मिली थी कि वो एक चुराई हुई कार से नेहरू प्लेस आने वाला है. तनुज को पहले गिरफ़्तार किया गया था और वो बेल पर बाहर आया हुआ था. उसे पहचानने के लिए पुलिस के पास एक ब्लैक एंड वाईट फ़ोटो थी.

पुलिस ने नेहरू प्लेस के पास उसका रास्ता रोका, तो वो गाड़ी से उतर कर भागने लगा. पुलिस डिप्टी कमिश्नर रोमिल बानिया ने बताया कि पुलिस ने 300 मीटर तक उसका पीछा किया, जिसके बाद उसे पकड़ लिया गया.

संदिग्ध ने अपना नाम कुनाल महेश्वरी बताया पर उसका चेहरा फ़ोटो से नहीं मिल रहा था. तभी कालका जी पुलिस स्टेशन के एक सब इंस्पेक्टर ने उसे पहचान लिया. वो उसे 2013 में पकड़ने वाली पुलिस टीम का हिस्सा रहे थे.

महेश्वरी ने बाद में कबूल लिया कि उसने 2012 में दिल्ली से बाहर प्लास्टिक सर्जरी करायी थी, लेकिन उसने अस्पताल का नाम और इसमें लगी रकम के बारे में नहीं बताया.

महेश्वरी का जन्म साउथ दिल्ली के एक परिवार में हुआ था और उसका नाम तनुज था. उसने 12वीं में ही पढ़ाई छोड़ दी और गलत संगत में पड़ गया. उसे ड्रग्स की लत लग गयी और महज़ 18 साल की उम्र में उसने इसके लिए चोरी करना शुरू कर दिया. उसके पिता एक राशन की दुकान के मालिक हैं.

आगे चल कर उसने गाड़ियों की चोरी शुरू कर दी. वो अपने पास हथियार रखने लगा और उसने कई बार पुलिस पर गोली भी चलायी. उसे 2013 में 70 गाड़ियां चुराने के जुर्म में पकड़ा गया था. उसने पकड़े जाने के बाद चितरंजन पार्क पुलिस स्टेशन में खुदखुशी करने की कोशिश की थी.

जेल से छूटने के बाद उसने 7 महीनों में दिल्ली, फ़रीदाबाद और गाज़ियाबाद से 100 और गाड़ियां चुराईं. वो एक बड़े गिरोह से जुड़ा हुआ है, जो चुराई हुई गाड़ियों को बेचने का काम करता है.