सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शर्तों के साथ निकालने की अनुमति दे दी है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को हुई सुनवाई में पुरी में 23 जून को होने वाली रथयात्रा पर कोरोना महामारी के कारण रोक लगा दी थी.   

medicaldialogues

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के ‘जगन्नाथ रथ यात्रा’ पर रोक लगाने वाले फ़ैसले को लेकर कई पुनर्विचार याचिकाएं लगाई गई थी, जिसपर आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपने पुराने फ़ैसले को पलटते हुए ‘जगन्नाथ रथ यात्रा’ को कुछ शर्तों के साथ निकालने की अनुमति दे दी है.  

livemint

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, स्वास्थ्य मुद्दों के साथ बिना समझौता किए और मंदिर समिति, राज्य और केंद्र सरकार के समन्वय के साथ रथ यात्रा आयोजित की जाएगी. कोर्ट ने साथ ही कहा कि अगर ओडिशा सरकार को लगता है कि कुछ चीजें हाथ से निकल रही हैं तो वो यात्रा को रोक सकती है. 

financialexpress

इससे पहले 18 जून को सुनवाई के दौरान चीफ़ जस्टिस ने कहा था, यदि हमने इस साल रथ यात्रा की इजाज़त दे दी तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ़ नहीं करेंगे. कोरोना महामारी के बीच इतना बड़ा समागम किसी भी हाल में नहीं हो सकता है. ओडिशा सरकार से भी कहा था कि कोरोना वायरस को फ़ैलने से रोकने के लिए राज्य में कहीं भी यात्रा, तीर्थ या इससे जुड़े गतिविधियों की इजाज़त ना दें. 

indiatvnews

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस साल पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर अनिश्चितता के बीच सोमवार को जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष गजपति महाराजा दिव्यसिंह देव से बात की थी.  

सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले के बाद अब सोशल मीडिया पर लोगों के रिएक्शन्स देखने लायक हैं-