इन दिनों मुंबई की ‘आरे कॉलोनी’ में पेड़ों की कटाई का मामला सुर्ख़ियों में है. सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर फ़ैसला सुनाते हुए इस मामले में पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है. इस मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी. 

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इस दौरान महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि अब से कोई भी पेड़ नहीं काटा जाएगा. 

इससे पहले ‘आरे कॉलोनी’ में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए पेड़ों की कटाई के फ़ैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने खारिज़ कर दिया था. 

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आईये जानते हैं क्या है पूरा मामला? 

दरअसल, बीएमसी पिछले कुछ समय से मुंबई की ‘आरे कॉलोनी’ में मेट्रो कार्य को लेकर पेड़ों की कटाई कर रही है. इसी के विरोध में एक लॉ स्टूडेंट रिषव रंजन ने मुख्य न्यायाधीश को लेटर लिखा था. 4 अक्टूबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने ‘आरे कॉलोनी’ को वन क्षेत्र घोषित करने और वहां पेड़ों की कटाई संबंधी बीएमसी का एक फ़ैसला रद्द करने से इंकार कर कर दिया था. इसके बाद आरे क्षेत्र में 4 अक्टूबर की रात में ही पेड़ों की कटाई शुरू हो गई थी. 

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बताया जा रहा है कि ‘मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड’ (MMRCL) ने मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिए करीब 2,600 पेड़ों को काटने की कार्रवाई को अंजाम देने के लिए 70 लोगों की टीम ‘आरे कॉलोनी’ भेजी थी. जिसका स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध किया. इसके बाद तमाम राजनीतिक पार्टियां, सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र और पर्यायवरण संरक्षक भी इसके विरोध में आ गए. 

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महाराष्ट्र सरकार के इस रवैये के बाद सिर्फ़ मुंबई में ही नहीं देशभर में इसका भारी विरोध हो रहा है. विरोध प्रदर्शन तेज़ होने के बीच शनिवार सुबह ‘आरे कॉलोनी’ और उसके आसपास के इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई और 29 लोगों को गिरफ़्तार किया गया. 

6 अक्टूबर को इस मामले में एक स्पेशल बेंच का गठन किया गया. इसके बाद बीते रविवार को छात्रों की एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा और अशोक भूषण की स्पेशल बेंच ने फ़ैसला सुनाते हुए ‘आरे कॉलोनी’ में पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि इस मामले में अगर किसी प्रदर्शनकारी को हिरासत में लिया गया है, तो उसे रिहा किया जाए. 

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इस ममले में छात्रों की ओर से अधिवक्‍ता संजय हेगड़े ने दलीलें रखीं. सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने पूछा कि हमें बताएं कि क्‍या ये इलाका एक इको सेंस्टिव जोन है या नहीं? हम इसकी वास्‍तविकता जानना चाहते हैं. इसके लिए आप अगली कार्यवाही तक हमें दस्‍तावेज उपलब्ध कराएं. 

कुल 2,600 पेड़ काटने की योजना थी 

मुंबई की ‘आरे कॉलोनी’ में मेट्रो शेड बनाने के लिए कुल 2,600 पेड़ काट जाने की योजना थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले के बाद अब बाकी बचे 1,200 पेड़ों की कटाई रुक गई है.