क्रिसमस के मौके पर गुजरात के सूरत शहर में 251 बेटियां एकसाथ दुल्हन बनीं. इस सामूहिक विवाह में पांच मुस्लिम दंपति, एक ईसाई दंपति और HIV पीड़ित दो महिलाएं भी शामिल हुईं. इस विवाह की रोचक बात ये थी कि लड़कियों की शादी उनके धर्म के मुताबिक की गई. पारंपरिक परिधान और गहनों में सजी सभी महिलाएं बेहद ख़ूबसूरत लग रही थीं.

अपनी ज़िंदगी की नई की शुरुआत करने जा रही लड़कियों के विवाह और कन्यादान की जिम्मेदारी हीरा व्यापारी महेश सवानी ने उठाई. महेश सवानी का मानना है कि जिन लड़कियों के पास पिता नहीं हैं उनकी शादी का ख़र्च उठाना काफ़ी मुश्किल काम है. इसीलिए वो इसे सामाजिक दायित्व मान लड़कियों के पिता बनने की जिम्मेदारी उठाते हैं. इस भव्य समारोह में 251 तरह की मिठाइयां भी बनवाई गई थीं.

मामले पर बात करते हुए हीरा व्यापारी कहते हैं कि मैंने एक पिता बनने की ज़िम्मेदारी ली है. मैं 2012 से प्रत्येक वर्ष कन्यादान अनुष्ठान कराता हूं. मेरा मानना है कि हर बेटी भगवान का वरदान होती है.

बताया जा रहा है कि अबतक सवानी करीब 1000 लड़कियों का विवाह संपन्न करा चुके हैं. इतना ही नहीं, वो लड़कियों के कपड़ों और गहनों से लेकर उन्हें घर बसाने के लिए ज़रुरी चीज़ें भी भेंट करते हैं. हालांकि, अबतक इस बात का ख़ुलासा नहीं हो पाया है कि इस भव्य और आकर्षक शादी में कितना ख़र्च आया.