जो प्लास्टिक आप इधर-उधर, यहां-वहां बिना कुछ सोचे-समझे फेंक देते हैं, कभी सोचा है उसका क्या होता है? उन्हें कोई मशीन नहीं मिटा सकती, उन्हें ख़त्म होने में सैकड़ों साल लगते हैं. ये सब कुछ ऐसी बातें हैं जो हम बचपन से पढ़ते और सुनते आ रहे हैं फिर भी हमने धड़ल्ले से प्लास्टिक का उपयोग जारी रखा है. 


ये प्लास्टिक जानवरों के पेट में जाता है. सिर्फ़ ज़मीन के जानवरों के ही नहीं, हमारी गंदगी समुद्र के जीवों के भी पेट में जा रही है. 

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The Hindu की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, तमिलनाडु के सर्जन्स ने एक गाय के पेट से 52 किलोग्राम प्लास्टिक निकाला.


Tamil Nadu Veterinary and Animal Services University (TANUVAS) के सर्जन्स ने साढ़े 5 घंटे लगाए और गाय के पेट से पिन्स, सुईयां समेट कई चीज़ें निकालीं.  

The Hindu

पेट में इतनी भारी मात्रा में प्लास्टिक होने की वजह से गाय को बहुत दर्द हो रहा था और वो दर्द के कारण अपने ही पेट पर लात मार रही थी.


TANUVAS के एस. बालासुब्रमण्यम ने बताया, 
‘ये घटना उदाहरण है कि जो प्लास्टिक, पब्लिक ऐसे ही फेंक देती है उसका जानवरों पर कितना बुरा असर पड़ता है.’  

इस गाय को पी.मुनीरथनम ने वेलोर से 6 महीने पहले ख़रीदा था. गाय ने 20 दिन पहले ही बछड़ा दिया था पर वो सिर्फ़ 3 लीटर दूध दे रही थी. गाय को शौच में भी दिक्कत हो रही थी.


Veterinary Clinical Medicine के प्रोफे़सर पी.सेल्वराज ने बताया, 
‘Manual Rectal Examination के दौरान भी समझ आ रहा था गाय के पेट में प्लास्टिक है. हमने X-ray और Ultrasound करवाया और हमें पता चला कि गाय के Rumen (गाय के पेट के 4 चैंबर्स में से एक) के 75% हिस्से में प्लास्टिक है’  

Farmers

हम इंसानों के कारण जानवरों के जीवन पर बन आई है. अजीब विडंबना है कि जिस देश में गाय को बहुत से लोग ‘मां’ समान देखते हैं वहां गाय कि ऐसी हालत है.