अगर आपने डू नॉट डिस्टर्ब(डीएनडी) सर्विस एक्टिवेट करा रखी है, तो आप स्पैम कॉल का दर्द नहीं समझ सकते हैं. इस दर्द को वही समझ सकता है जिसके पास रोज़ाना 20 स्पैम कॉल आते हैं. 20 देशों में हुए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि भारत स्पैम कॉल के मामले में पहले स्थान पर आता है. इस सर्वेक्षण को ट्रूकॉलर एप ने करवाया है. ट्रू कॉलर के आंकड़े बताते हैं कि भारतीयों के फ़ोन पर औसतन महीने में 22 कॉल, यानी प्रतिदिन एक कॉल तो ऐसा ज़रूर आता है, जो स्पैम होता है. भारत के बाद अमेरिका और ब्राज़ील का नंबर आता है.

आंकड़ों की मानें तो 54 प्रतिशत स्पैम कॉल टैलिकॉम ऑपरेटर के होते हैं, जिनमें वह अपने उपभोक्ता को ताज़ा डेटा प्लान या अनलिमिटेड कॉल की जानकारी देना चाहते हैं. सुनने में तो यह काफी अच्छा लगता है, लेकिन अगर यह रोज़ हो तो आप इससे परेशान हो ही जाएंगे. रिपोर्ट के अनुसार 20% स्पैम कॉल हरैस्मेन्ट या प्रैंक कॉल होते हैं. 13% स्पैम कॉल टेलीमार्केटिंग कंपनी वालों के होते हैं.

ये हाल तब है जब भारत में डीएनडी जैसी सर्विस मौजूद है. बाकी देश भी कोई अच्छी स्थिति में नहीं हैं. अमेरिका में स्पैम कॉल की संख्या पिछले 2 महीने के भीतर 20% बढ़ गई है. अमेरिका के बाद ब्राज़ील का नंबर आता है. अगर आपने अब तक डीएनडी एक्टिवेट नहीं कराया तो जल्द ही करा लें, क्योंकि अभी जो संख्या 22% है भविष्य में बढ़ कर 50% भी हो सकती है. इनका क्या भरोसा!