पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का कल रात हार्ट अटैक से दिल्ली के AIIMS हॉस्पिटल में निधन हो गया है. 67 वर्षीय सुषमा स्वराज को कल शाम सीने में दर्द की शिकायत के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. देर रात तक डॉक्टरों की एक टीम उनको बचाने में लगी हुई थी, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.

सुषमा स्वराज के निधन से हर कोई हैरान है, उनका इस तरह से चले जाना भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ा नुकसान है. सुषमा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रहीं थीं.

सुषमा स्वराज ने निधन से महज एक घंटे पहले, भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय अदालत में कुलभूषण जाधव का पक्ष रखने वाले प्रसिद्ध वकील हरीश साल्वे को फ़ोन करके मिलने और 1 रुपये की बतौर फ़ीस लेने को भी कहा था.

हरीश साल्वे ने ख़ुद इस बात की जानकारी दी कि ‘निधन से महज एक घंटे पहले मेरी सुषमा स्वराज से बातचीत हुई थी. जिस वक़्त उनका फ़ोन आया हम दोनों काफ़ी भावुक हो गए थे. उन्होंने मुझसे कहा कि आपको केस में जीत हासिल करने के लिए आपकी फ़ीस देनी है. मैंने भी उनसे कहा था कि मैं ख़ुद आकर आपसे अपनी अनमोल फ़ीस ज़रूर लूंगा.’

‘उनके इस तरह से चले जाने से मैं बेहद हैरान हूं. मैंने मंगलवार रात 8.45 पर सुषमा जी से फ़ोन पर बात की थी. उस वक़्त उनकी तबीयत ठीक लग रही थी. उन्होंने मुझे कल यानि आज शाम छह बजे घर आने के लिए कहा था. अब जब उनके निधन की ख़बर आई तो मैं स्तब्ध हूं. उनका जाना पूरे देश का नुकसान है. खासतौर पर मेरा निजी नुकसान है.’

साल्वे ने सुषमा स्वराज के निधन पर दुख जताते हुए कहा, ‘वो बेहद ख़ुश थीं. वो एक कमाल की नेता थीं. मैं इस नुकसान पर क्या ही बोलूं. मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मेरी बड़ी बहन नहीं रहीं’.
I thank Mr.Harish Salve for presenting India’s case before ICJ very effectively and successfully. /3
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 17, 2019
साल 2017 में सुषमा स्वराज ने ख़ुद इस बात की जानकारी दी थी कि कुलभूषण जाधव मामले में केस लड़ने के लिए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने महज एक रुपए की फ़ीस ली थी.
Not fair. #HarishSalve has charged us Rs.1/- as his fee for this case. https://t.co/Eyl3vQScrs
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) May 15, 2017
सुषमा स्वराज का निधन पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है. विदेश मंत्री रहते हुए उन्हें उनके शानदार कार्यों के लिए हमेशा याद किया जाएगा. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने यमन में फंसे 4500 भारतीयों को सुरक्षित निकाला था. लीबिया, ईराक और सूडान में फंसे भारतीयों की मदद भी की थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके जाने से भारतीय राजनीति के एक अध्याय का अंत हो गया है. सुषमा जी अपनी तरह की अलग महिला थीं, जो करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं.
A glorious chapter in Indian politics comes to an end. India grieves the demise of a remarkable leader who devoted her life to public service and bettering lives of the poor. Sushma Swaraj Ji was one of her kind, who was a source of inspiration for crores of people.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2019