‘कोई भी इंसान भूखे पेट नहीं रहना चाहिए’. इसी सोच के साथ तमिलनाडु की 85 साल की कमलाथल अम्मा पिछले 30-35 सालों से महज़ 1 रुपये में इडली-सांभर बेच कर लोगों का पेट भर रही हैं. लॉकडाउन के दौरान भी जब सरकारों ने ग़रीबों को आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाकर रास्ते पर छोड़ दिया  था, उस वक़्त भी कमलाथल अम्मा बेघर, बेरोज़गार, भूख से तड़पते लोगों का सहारा बनी थीं.

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‘इडली अम्मा’ के नाम से मशहूर कमलाथल अम्मा का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद तमाम लोग उनकी मदद के लिए आगे आए थे. ये सिलसिला अभी भी जारी है. ताज़ा उदाहरण, महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा का है, जिन्होंने जल्द ही अम्मा को एक घर देने का वादा किया है, जहां से वो अपने इस सेवा कार्य को जारी रख सकेंगी.

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आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि ज़मीन का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है. जल्द ही महिंद्रा ग्रुप की महिंद्रा लाइफ़स्पेस कमलाथल अम्मा की सुविधानुसार कंस्ट्रेक्शन का काम शुरू कर देगी. साथ ही, उन्होंने अम्मा को एलपीजी मुहैया कराते रहने के लिए भारत गैस का भी धन्यवाद किया.

दरअसल, आनंद महिंद्रा ने साल 2019 में भी कमलाथल अम्मा की मदद करने का फ़ैसला किया था. उस वक़्त उन्होंने अम्मा के जज़्बे को सलाम करते हुए उन्हें एलपीजी ईंधन वाला चूल्हा ख़रीदकर देने की इच्छा जताई थी क्योंकि वो लकड़ी से जलने वाले चूल्हे का उपयोग करती थीं. 

हालांकि, ये मामला सामने आने के बाद सरकार ने कमलाथल अम्मा के लिए एलपीजी कनेक्शन जारी कर दिया था, जिसके लिए आनंद महिंद्रा ने सरकार का शुक्रिया भी अदा किया था.

बता दें, कमलाथल अम्मा पिछले क़रीब चार दशक से लोगों को सांभर और चटनी के साथ इडली परोसती हैं. इस महंगाई के दौर में भी वो महज़ एक रुपये में लोगों को इडली खिलाती हैं. यहां तक कोरोना लॉकडाउन जैसे मुश्किल वक़्त में भी उन्होंने इडली का दाम नहीं बढ़ाया था. 

अम्मा ने बताया था कि ‘कोविड-19 शुरू होने के बाद से स्थिति थोड़ी मुश्किल हुई, लेकिन मैं आज भी ग़रीबों को 1 रुपये में इडली देने की कोशिश कर रही हूं. इडली की सामग्री के दाम बढ़ गए हैं, लेकिन मैं इडली के दाम नहीं बढ़ाऊंगी.’