हम बच्चों को सिखाते हैं कि स्कूल मंदिर होता है और अध्यापक भगवान, लेकिन जिस तरह की घटनाएं आजकल स्कूलों में देखने को मिल रही हैं, उन्हें देखते हुए तो लगता है कि स्कूलों के पास ये दर्जा ज़्यादा दिन रह नहीं पायेगा.

एक ऐसी घटना सामने आयी है, जिसने एक बार फिर स्कूलों की छवि को मैला कर दिया है. एक टीचर की शर्मसार करने वाली ये घटना दिखाती है कि कैसे स्कूल यातना देने की जगह बनते जा रहे हैं. थाणे के ज्ञानोदय विद्या मंदिर स्कूल में 6 साल की मासूम बच्ची प्राची के बाल नोच के उखाड़ लिए गए. बच्ची का कसूर बस इतना था कि उसके पिता स्कूल की फ़ीस देने में लेट हो गए थे. ये क्रूरता करने वाली टीचर का नाम रेखा नायर है.

जब अगले दिन बच्ची स्कूल जाने से मना करने लगी, तो उसके पिता ने उससे वजह पूछी, तब बच्ची ने उसके साथ हुई क्रूरता के बारे में बताया. बच्ची के सिर के एक हिस्से से बाल गायब हो गए हैं. वो शायद ही कभी अपने साथ हुए इस बर्ताव को भूल पाएगी.

बच्ची के पिता अखिलेश गुप्ता बताते हैं कि ऐसा होने के बाद से बच्ची इतनी सहम गयी है कि स्कूल जाने के नाम से ही रो पड़ रही है. अखिलेश इंदिरा नगर में एक छोटा सा फ़ोटो स्टूडियो चलाते हैं. उन्होंने जैसे-तैसे चार हज़ार रुपये फ़ीस दी और प्रिंसिपल से टीचर के खिलाफ़ शिकायत की. जब टीचर केबिन में आई, तो बच्ची उसे देख कर ही कांपने लगी.

टीचर को सस्पेंड कर दिया गया है, पर मैनेजमेंट के खिलाफ़ अब भी कोई एक्शन नहीं लिया गया है. अखिलेश का कहना है कि वो तब तक लड़ते रहेंगे, जब तक बच्ची को इंसाफ़ नहीं मिल जाता.

सकूल प्रशासन ने टीचर से लिखित में जवाब मांगा है और कहा है कि टीचर को स्कूल से निकाला भी जा सकता है. जब बच्ची के पिता FIR कराने पुलिस स्टेशन गए, तो पुलिस ने कहा कि ऐसे मामले स्कूल के साथ ही सुलझा लेने चाहिए.

स्कूल वो जगह होती हैं, जहां मां-बाप टीचरों के भरोसे अपने बच्चों के लिए घंटों के लिए छोड़ते हैं, ऐसे में टीचर द्वारा इस तरह का बर्ताव किया जाना बेहद निंदनीय है.