पुणे के इंद्राणीनगर से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली ख़बर आई है. बीच सड़क में खून से लथपथ 25 साल का एक युवा लोगों से मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन किसी ने भी उसकी मदद के लिए हाथ आगे नहीं बढ़ाया और आख़िरकार युवक ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. इससे ज़्यादा शर्म की बात और क्या हो सकती है कि घटनास्थल पर मौजूद लोग खून से लथपथ इंजीनियर सतीश प्रभाकर मेटे की तस्वीर लेते रहे, वीडियो बनाते रहे. लेकिन किसी ने भी उसे अस्पताल पहुंचाने की ज़हमत नहीं उठाई.

हादसा भोसारी का है, जहां हिट एंड रन में मेटे बुरी तरह जख़्मी हो गया. इस दौरान पेशे से डेंटिस्ट कर्तीकराज केटे ने चौक पर जमा भीड़ को देखकर रुक गए, जब उन्होंने सतीश को बुरी तरह खून से लथपथ देखा, तो उन्होंने बिना देरी किए हुए एक ऑटो वाले की मदद से मेटे को यशवंतराव चवन मेमोरियल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन जब तक मेटे के इलाज में बहुत देरी हो चुकी हो थी और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

हालात के बारे में बात करते हुए कर्तीकराज ने बताया कि, ‘मेटे के पेट पर गाड़ी के टायर के निशान थे और उसकी आंख और कान से बहुत खून बह रहा था, लोगों ने मेटे का चेहरा कपड़े से ढक दिया और तस्वीरें और वीडियो बनाने लगे, पर किसी ने भी घायल मेटे की मदद करना उचित नहीं समझा.’

कितनी अजीब बात है न! तमाशबीन बने लोगों के लिए किसी मरते हुए शख़्स की जान से ज़्यादा ज़रूरी काम फ़ोटो लेना और वीडियो बनाना था. शायद इसे ही कलयुग कहते हैं.