कुछ दिनों पहले ही BSF के एक जवान तेज बहादुर यादव का वीडयो सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुआ था. इस वीडियो में तेज बहादुर ने सैनिकों को खराब खाना परोसे जाने की शिकायत के साथ ही BSF में चल रही धांधलेबाजी से अवगत कराया था. इसके साथ ही तेज बहादुर ने कहा था कि इस वीडियो के आने के बाद शायद वो न दिखाई दें, क्योंकि जिस सिस्टम को उन्होंने चुनौती दी है, उसकी जड़ें भ्रष्ट ऑफिसर्स के पास से होती हुई बड़े-बड़े नेताओं तक गई हैं, जिसकी वजह से गोदामों में भरपूर अनाज होने के बावजूद सैनिकों तक अच्छा खाना नहीं पहुंच पाता.
Whatever said and done,our Soldiers and Farmers need to be taken better care of. Proper food needs to reach them all.#Food4Soldiers pic.twitter.com/5WG9btYabs
— Virender Sehwag (@virendersehwag) January 10, 2017
इस वीडियो को आये अभी कुछ दिन ही हुए थे कि तेज बहादुर की पत्नी ने उनके फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डाल कर दावा किया है कि ‘तेज बहादुर सोमवार शाम से लापता हैं.’
लगभग आधे घंटे में ही लोगों ने इस पोस्ट को जम कर शेयर करना शुरू कर दिया और प्रतिक्रिया भी देने लगे, पर जैसा कि आप सब जानते हैं कि कई बार अच्छी चीज़ों के शेयर होने से फेसबुक डरने लगता है और उसे फेसबुक से हटा देता है. ऐसा ही कुछ इस पोस्ट के साथ भी हुआ और ये पोस्ट फेसबुक की पॉलिसी की भेंट चढ़ गया.
इससे पहले एक अख़बार को दिए गये अपने इंटरव्यू में तेज बहादुर ने कहा था कि ‘इस वीडियो की वजह से उनका तबादला करके हेडक्वाटर भेज दिया गया है, जहां उनसे प्लम्बर का काम लिया जाता है.
Hi plz share this as much as u can if you love ur jawans who r protecting us 🙏🙏🙏 pic.twitter.com/8FKThzuWia
— Harbhajan Turbanator (@harbhajan_singh) January 9, 2017
इसके उलट अधिकारियों का कहना है कि ‘तेज बहादुर शराब का आदी था, जिसकी वजह से 2010 में उसका कोर्ट मार्शल भी किया जा चुका है.’
बात जो भी रही हो, पर सच्चाई ये है कि तेज बहादुर गायब है. जिसके साथ ही एक गहरा सवाल हमारे सामने है कि क्या सच में सेना में भ्रष्ट अधिकारी अनाज को बेच कर अपनी जेबें भर रहे हैं?
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के मुताबिक, श्रीनगर एअरपोर्ट के पास Humhama BSF हेडक्वार्टर की दुकानों पर BSF में इस्तेमाल होने वाली चीज़ों को बेचा जाता है. यहां के दुकानदारों और स्थानीय लोगों की मानें, तो कुछ अधिकारी चोरी-छिपे यहां आते हैं और दाल-सब्जी जैसी चीज़ों को सस्ते दामों पर लोगों को बेचते हैं.
एक कॉन्ट्रेक्टर का ये कहना भी है कि सेना को रियायती दामों पर मिलने वाले तेल को भी अधिकारी आधे दाम पर बाज़ार में बेच देते हैं. हालांकि सच क्या है, इसके सामने आने में अभी बहुत समय बाकी है, क्योंकि अभी कई कमेटियां बननी हैं, जांच होनी है और कई नाम सामने आने हैं. उम्मीद है कि इतना सब कुछ होने से पहले तेज बहादुर मिल जायें