कोरोना वायरस पूरी दुनिया के साथ ही भारत में भी तेज़ी से पैर पसार रहा है. विश्व में तीन लाख से ज़्यादा लोग अब तक इसकी चपेट में आ चुके हैं. 16 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान चली गई. भारत में फ़िलहाल स्थिति उतनी ख़राब नहीं है. अब तक देश में 500 से ज़्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं. वहीं, 11 लोगों की जान गई है. मगर हालात तेज़ी से बिगड़ जाएंगे, अगर सावधानी नहीं बरती गई. यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया. 

केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें भी इस लॉकडाउन का पालन कर रही हैं. ऐसे ही तेलंगाना की सरकार भी है. राज्य के मुख्यमंत्री कें. चंद्रशेखर राव ने भी लॉकडाउन के लेकर बयान दिया है. लेकिन सवाल ये है कि पीएम मोदी के संबोधन और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के बयान में जो अंतर दिखा है, क्या वो देश के असल हालात बयां करता है? 

लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करें: पीएम मोदी 

economictimes

दरअसल, पीएम मोदी ने लोगों से Social Distancing यानि की एक-दूसरे से दूरी बनाने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से बचने का एकमात्र तरीका यही है कि आप अपने घर में रहें. अपने घरों के बाहर लक्ष्मण रेखा खींच लें, और बाहर किसी भी हालत में न निकलें. अगले 21 दिनों तक संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा. 

22 मार्च को जनता कर्फ्यू का जो संकल्प हमने लिया था, एक राष्ट्र के नाते उसकी सिद्धि के लिए हर भारतवासी ने पूरी संवेदनशीलता के साथ, पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना योगदान दिया. अब आगे भी पूरे देश में लागू किए जा रहे लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करें. हम जल्‍द ही कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी से निपटने में सफल होंगे. 

लॉकडाउन का उल्लंघन किया तो गोली चलवानी पड़ेगी: चंद्रशेखर 

newindianexpress

पीएम मोदी ने जिस सख्ती की बात कही क्या वो तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव के बयान में झलकती है? दरअसल, सीएम राव ने कहा कि अगर लॉकडाउन का पालन नहीं किया और सड़कों पर उतरे तो मजबूरी में गोली मारने का आदेश देना पड़ेगा. उन्होंने कहा, किसी भी कीमत पर कोई भी सड़कों पर ना उतरे. किसी को कोई दिक्कत है तो वे 100 नंबर पर कॉल करें. गाड़ी आपके घर आकर आपकी मदद करेगी. 

ndtv की रिपोर्ट के मुताबिक़, उन्होंने लोगों से सहयोग करने की अपील की. साथ ही लॉकडाउन का पालन करने के निर्देश दिये. राव ने कहा कि अमेरिका में इसके लिए सेना बुलानी पड़ी थी, अगर हमारे यहां हालात काबू में नहीं आए तो नियम तोड़ने पर देखते ही गोली मारने का आदेश देना पड़ सकता है या फिर सेना को बुलाना पड़ेगा. राव का बयान पीएम मोदी के संबोधन के अनुरूप तो नहीं ही कहा जा सकता है. साथ ही अमेरिका, इटली, ईरान और कई देशों में हालात भारत से भी खराब हैं. वहां भी ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है. देखते ही गोली मारने का आदेश अमूमन दंगे भड़कने की स्थिति या किसी आतंकी घटना के वक़्त दिया जाता है. ऐसे में किसी महामारी की वजह से गोली मारने का आदेश देने की बात थोड़ी अजब लगना लाज़मी है. 

हालांकि, इस बयान ये साफ़ है कि हालात हमारी सोच से कुछ ज़्यादा खराब हैं. स्थिति फ़िलहाल दूसरे देशों से ठीक होने का मतलब ये नहीं निकाला जा सकता है कि हम इस वायरस की चपेट में आने से बच गए. ‘सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’ इसका ख़याल नहीं रखा तो बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. 

economictimes

बता दें, सीएम राव ने ये भी बताया कि राज्य में अब तक 36 संक्रमित लोग पाए गए हैं और 19313 लोगों पर सरकार की नजर है. साथ ही मुख्यमंत्री ने उन लोगों के पासपोर्ट जब्त करने के लिए भी कहा जो विदेशों से लौटने के बाद क्वारंटीन में नहीं रह रहे हैं. 

गौरतलब है कि, देश में 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान हुआ है. जैसा कि पीएम मोदी ने कहा कि इस ख़तरनाक वायरस से बचने का एकमात्र तरीका घर पर ही रहना है. लोगों से दूरी बनाकर रखना है, तब ही इसके संक्रमण की सायकिल को तोड़ा जा सकेगा.