एक कहावत है – ‘एक झूठ को इतनी बार दोहराओ कि वो सच लगने लगे.’ पिछले कुछ सालों में ये कहावत भारत और अमेरिका जैसे देशों की सच्चाई बन चुकी है. फ़र्ज़ी खबरें केवल लोगों को बरगलाने का तरीका भर ही नहीं रह गयीं हैं, बल्कि एक कारोबार बन चुका है, नेताओं की छवि चमकाने का एक मज़बूत हथियार बन चुका है. फ़र्ज़ी खबरें आज किसी निर्दोष की हत्या करा सकती हैं, किसी क्रिमिनल नेता की छवि गढ़ सकती हैं. प्रोपेगेंडा के सहारे एक निर्मम अपराधी भी संसद तक की छलांग लगा सकता है. इन खबरों को प्रसारित करने वाली वेबसाइट्स की कोई ख़ास जवाबदेही नहीं होती है, ऐसे में हमारे राजनेताओं से लेकर मीडिया तक कई बार इन्हें बिना जांचे परखे अपने एजेंडे को सही साबित करने के लिए ऐसा करते हैं.
फ़ेक न्यूज़ जानबूझकर कुछ इस तरह गढ़ी जाती है जिससे लोगों को गुमराह किया जा सके और झूठी बातों को सच की तरह परोसा जा सके. किसी संस्थान या किसी शख़्स की इज़्ज़त की धज्जियां उड़ानी हों या फिर किसी का गुणगान करना हो, फ़ेक न्यूज़ आज एक उभरता हुआ कारगर हथियार है.
फ़ेक न्यूज़ तब और भी खतरनाक हो जाती है जब हमारे राजनेता या मीडिया के लोग उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं. चूंकि ये राजनेता लोगों के प्रतिनिधि होते हैं, वो कई मायनों में अपने फ़ॉलोअर्स को प्रभावित करते हैं और उनके द्वारा किया गया एक ट्वीट या एक फ़ेसबुक पोस्ट भी कई स्तर पर झूठी जानकारी और प्रोपेगेंडा फ़ैला सकता है.
आप भी जानिए कुछ ऐसी ही घटनाएं जब देश के राजनेताओं ने फ़ेक न्यूज़ जाने-अंजाने में फ़र्ज़ी खबरों का समर्थन किया था.
1) संबित पात्रा, बीजेपी प्रवक्ता, 2017
संबित पात्रा ने टाइम्स ऑफ़ इस्लामाबाद का एक आर्टिकल शेयर किया था. इस आर्टिकल में कहा गया था कि एनडीटीवी के डाटा के अनुसार, पीएम मोदी का मेक इन इंडिया प्रयास केवल एक फ़्लॉप शो है.
टाइम्स ऑफ़ इस्लामाबाद के इस ट्वीट को पात्रा ने एजेंडा बताया था. दरअसल पिछले महीने ही संबित पात्रा को एनडीटीवी के पैनल डिस्कश्न से निकाल दिया गया था क्योंकि उन्होंने चैनल पर ‘एजेंडा’ होने का आरोप लगाया था.
हालांकि सच ये है कि पाकिस्तानी न्यूज़ पोर्टल ने ग़लती से एनडीटीवी को सोर्स किया था और इसका असल सोर्स इंडियन एक्सप्रेस अखबार था. विडंबना ये भी है कि संबित ने जिस पाकिस्तानी न्यूज़ पोर्टल की ख़बर को शेयर किया था, वो दरअसल बीजेपी समर्थक नहीं है और नरेंद्र मोदी सरकार की बेतहाशा बुराई करती है और उससे जुड़ी फ़ेक न्यूज़ फ़ैलाती है.
संबित पात्रा ने ना तो इस ट्वीट को डिलीट किया है और न ही इस ट्वीट के लिए कोई माफ़ी मांगी है.
2) निर्मला सीतारमन, मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉमर्स, 2017
सीतारमन ने ए.आर. रहमान से जुड़ी तस्वीर शेयर की थी. इस तस्वीर में रहमान ये कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि वे गायों की हत्या को लेकर केंद्र सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयासों से खुश हैं.’ हालांकि ये भी एकदम फ़र्ज़ी न्यूज़ थी और रहमान ने ऐसा कुछ नहीं कहा था.
सीतारमन को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने अपने इस ट्वीट के लिए माफ़ी भी मांगी.
3) परेश रावल, अहमदाबाद एमपी, 2017
बॉलीवुड कलाकार परेश रावल ने 21 मई को एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रतिष्ठित बुक प्राइज़ जीत चुकी लेखिका अरूंधति रॉय को आर्मी जीप से बांध दिया जाना चाहिए. उन्होंने यहां तक कहा कि पत्रकार सागरिका घोष के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए.
लेकिन खास बात ये है कि परेश रावल जिस बात पर रॉय से इतना खफ़ा हो रहे थे, वो उन्होंने कभी कही ही नहीं थी. ये एक फ़ेक न्यूज़ थी जिसे ‘पोस्टकार्ड न्यूज़’ नाम की एक फ़ेक न्यूज़ वेबसाइट ने छापा था. रॉय के मुताबिक उन्होंने ऐसा कोई बयान ही नहीं दिया था और उन्होंने कश्मीर के बारे में पिछले साल महज एक लेख लिखा था.
70 lakh Indian army can’t defeat azadi gang of Kashmir – Arundhati Roy .Her birth certi in fact is a regret letter from maternity ward .
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) May 17, 2017
हालांकि, परेश रावल ने अपने इस विवादास्पद ट्वीट को डिलीट कर दिया था लेकिन इसे कई लाख लोग पहले ही देख चुके थे और कहीं न कहीं ऐसे कई लोग जो परेश को फ़ॉलो करते हैं वो इस फ़र्ज़ी न्यूज़ से प्रभावित हो ही चुके थे.
4) बाबुल सुप्रियो, यूनियन मिनिस्टर ऑफ़ स्टेट फॉर हेवी इंडस्ट्री, 2017
This is not an Airport•It’s not in London or New York either•It’s the New Bus Stand inaugrated in Rajkot, Gujarat 👏👏 pic.twitter.com/uSrLo9PfJ1
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) April 19, 2017
गुजरात मॉडल की नैया, फ़ेक न्यूज़ के सहारे भी पार लगती रही है. राजकोट बस स्टॉप भी इसका एक खास उदाहरण है. राजकोट बस स्टॉप बनने से पहले ही लोगों ने इस बस स्टॉप की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर करना शुरू कर दिया था. इनमें बीजेपी के एमपी बाबुल सुप्रियो, Infosys के पूर्व बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स मोहनदास पाई और एचवी गोयनका जैसे बिज़नेसमैन भी शामिल थे. सुप्रियो ने अपने ट्वीट में लिखा था कि ये कोई एयरपोर्ट नहीं है, न ही ये लंदन और न्यूयॉर्क का नज़ारा है. ये तो राजकोट का नया बस स्टैंड है लेकिन ये दरअसल फ़र्ज़ी खबर थी और राजकोट बस स्टैंड के बनने की नींव 8 अप्रैल 2017 को रखी गई थी. हालांकि बाबुल ने अब तक इस ट्वीट को डिलीट नहीं किया है.
5) संबित पात्रा, बीजेपी प्रवक्ता, 2016
Now @sambitswaraj shows a photoshopped image of Rosenthal’s iconic Iwo Jima pic, says “LOOK at our Indian soldiers!” pic.twitter.com/M0H07fdubl
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) February 18, 2016
टाइम्स नॉउ पर एक पैनल डिस्क्शन के दौरान बहस इस बात पर थी कि क्या देश की हर सेंट्रल यूनिवर्सिटी पर तिरंगा फ़हराया जाना चाहिए. संबित पात्रा इस दौरान लाइव चैनल पर ही एक फ़ेक तस्वीर दिखाने लगे. दरअसल ये तस्वीर अमेरिकी सैनिकों की थी जो जापान के द्वीप पर अमेरिका के झंडे को फहरा रहे थे लेकिन संबित पात्रा एक बार फिर फ़ेक न्यूज से धोखा खा गए और कहने लगे कि ये भारतीय जवान सीमा पर मर रहे हैं लेकिन बॉर्डर पर तिरंगा लेकर अब भी खड़े हैं. गौरतलब है कि इस फ़ोटोशॉप तस्वीर में अमेरिकी सैनिकों को भारतीय सैनिकों में तब्दील कर दिया गया था.
अब ये उन्होंने जानबूझ कर लोगों में फ़र्ज़ी देशभक्ति की भावना को भड़काने के लिए किया या फिर उनसे एक बार फिर फ़ेक न्यूज़ को शेयर करने की ग़लती हुई, ये खुद संबित पात्रा ही बता सकते हैं.
6) अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सीएम, 2016
केजरीवाल ने एक ट्वीट को रिट्वीट किया था जिसमें कहा गया था कि मध्य प्रदेश में एक शख़्स ने सुसाइड किया है क्योंकि वो बैंक से चार दिनों तक पैसे नहीं निकाल पा रहा था. केजरीवाल ने बिना जांच पड़ताल के इस ट्वीट को रीट्वीट किया था. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वो शख़्स बैंक पैसे निकालने नहीं गया था बल्कि बैंक को रात को लूटने गया था. स्थानीय लोगों ने जब शोर सुना तो अलार्म बजा दिया और पुलिस को आता देख उस शख़्स ने आत्महत्या कर ली थी. हालांकि दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने इस बाबत कोई माफ़ी नहीं मांगी थी
7) मीनाक्षी लेखी, सांसद, नई दिल्ली 2014
UNESCO or not D Indian national anthem is the best, trusting D obvious isn’t criminal. Ashamed at D ignominy of Indians who don’t believe so
— Meenakashi Lekhi (@M_Lekhi) June 22, 2014
बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने ट्वीट किया था कि यूनेस्को ने भारत के नेशनल एंथेम को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ एंथेम घोषित किया है. सोशल मीडिया से लेकर WhatsApp तक इस बात को लेकर खूब जोक्स किए गए थे, मीनाक्षी को भी जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने एक और ट्वीट कर खिसियाई सी प्रतिक्रिया दी थी.
8) नरेंद्र मोदी और प्रीति गांधी
बीजेपी महिला मोर्चा की नेशनल एक्ज़िक्यूटिव मेंबर प्रीति गांधी ने एक तस्वीर को ट्वीट किया था जिसमें दावा किया गया था विकिलिक्स के फ़ाउंडर जूलियन असांजे ने दावा किया है कि अमेरिका मोदी से डरता है क्योंकि अमेरिका जानता है कि वो बेहद ईमानदार है.
लेकिन जूलियन एसांज ने कभी ऐसा नहीं कहा था. विकिलिक्स ने भी प्रीति गांधी को ही इस मामले में घेर लिया और उन्हें झाड़ लगाई.
हालांकि प्रीति गांधी ने न तो इस ट्वीट को डिलीट किया और न ही फ़र्ज़ी खबर फ़ैलाने के मामले में कोई माफ़ी मांगी. ख़ास बात ये थी कि खुद पीएम मोदी इस फ़ेक न्यूज़ का शिकार हो गए थे और उन्होंने एक इंटरव्यू में इस ट्वीट को लेकर खुशी जताई थी.
यानि फ़ेक न्यूज़ के प्रकोप से देश के प्रधानमंत्री भी सुरक्षित नहीं है.
9). नूपुर शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता, 2016
Since trolls spent a sleepless night covering-up Basirhat violence, sharing media pics of the riots. Hope they report this to @WBPolice too pic.twitter.com/CFW5P4xqB4
— Nupur Sharma (@NupurSharmaBJP) July 9, 2017
एक फ़ेसबुक पोस्ट के बाद बंगाल में भड़की हिंसा पर भी कई नेता राजनीति की रोटियां सेंकने से बाज़ नहीं आए थे. बीजेपी प्रवक्ता नुपूर शर्मा ने एक तस्वीर शेयर की थी जो दरअसल 2002 के गुजरात दंगों की थी और इस तस्वीर के द्वारा वे जंतर मंतर पर लोगों को बुलाकर प्रोटेस्ट करने का आह्वन कर रही थी. नुपूर शर्मा के इस तस्वीर को शेयर करने के बाद उनकी कड़ी आलोचना हुई थी और उन पर हिंसा भड़काने का आरोप भी लगाते हुए उन पर केस भी किया था. ये देखते हुए नुपूर ने इस तस्वीर को हटाकर दूसरी तस्वीर इस्तेमाल की थी.
10). संजय झा, कांग्रेस प्रवक्ता, 2017
कांग्रेस के प्रवक्ता संजय झा ने भी एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें दिखाया गया कि गुजरात पुलिस के डीजीपी, बीजेपी नेता राजनाथ सिंह के पैर छू रहे हैं. हालांकि ट्विटर यूज़र्स ने जल्दी ही झा को बता दिया कि वे एक फ़ेक तस्वीर पोस्ट कर रहे हैं और कुछ ट्रोल्स ने राजनाथ सिंह के चेहरे को फोटोशॉप कर दिया है. लेकिन झा ने इस ट्वीट से जुड़ी कोई माफी नहीं मांगी है.