चंडीगढ़ में एक दस साल की मासूम के साथ रेप की घटना सामने आई है. बच्ची के साथ लगातार रेप होने के चलते वह 26 हफ़्ते की गर्भवती हो चुकी है, लेकिन इस बच्ची को जिला कोर्ट ने गर्भपात की इजाज़त नहीं दी है.

मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेग्नेंसी ऐक्ट के तहत अदालत के पास 20 हफ़्ते तक के भ्रूण को गिराने की इजाज़त देने का अधिकार है. हालांकि, भ्रूण के जेनेटिक रूप से असामान्य होने पर 20 हफ़्ते के बाद भी उसे गिराने की इजाज़त दी जा सकती है.

इस मामले से कई मेडिकल विशेषज्ञ भी हैरान हैं कि इतनी छोटी सी उम्र में बच्ची गर्भवती कैसे हो गई. उम्र कम होने के कारण गर्भपात कराना ही सबसे सही उपाय है वरना बच्ची को काफ़ी समस्या आ सकती है. इस बच्ची के पिता सरकारी कर्मचारी हैं और मां घरों मे काम करती है. रेप का आरोप बच्ची के मामा पर है.

डॉक्टरों का कहना था कि ‘इस उम्र में लड़कियों की Pelvic bones पूरी तरह से विकसित नहीं होती, ऐसे में प्रेंग्नेसी से इस बच्ची को कई परेशानियां सामने आ सकती हैं. इस उम्र में नॉर्मल डिलीवरी को भी किसी भी हालत में सुरक्षित नहीं कहा जा सकता’. सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया, ‘अल्ट्रसाउंड रिपोर्ट्स के हिसाब से ये लड़की 6 माह की गर्भवती है. हमने कोर्ट में गर्भपात की इजाज़त देने के लिए मेडिकल सलाह दी है.’

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मशहूर स्त्री-रोग विशेषज्ञ उमेश जिंदल ने कहा कि ‘मैंने 13 साल की बच्ची को गर्भवती होते देखा है लेकिन अपनी 40 साल की प्रैक्टिस में मैंने ऐसा केस पहले कभी नहीं देखा. कोर्ट से इजाज़त मिलने पर भी इस बच्ची का इलाज एक अनोखा मामला होगा. इस बच्ची को काफ़ी जटिलताएं और परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं इसलिए ये बेहतर होगा कि बच्ची का गर्भपात कराया जाए’

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विशेषज्ञों के अनुसार, पीरियड्स शुरू होने की सामान्य उम्र 13 साल है, लेकिन पिछले काफ़ी समय से यह सीमा 8 साल तक पहुंच चुकी है. इसके बावजूद, 10 साल की उम्र में गर्भवती होना एक बेहद  दुर्लभ बात है. बच्ची के शरीर के लिए इस उम्र में गर्भ धारण करना बेहद नुकसानदायक हो सकता है.

चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च के गाइनी डिपार्टमेंट की प्रमुख रश्मी बग्गा ने कहा कि ‘उन्होंने इससे पहले कभी एक 10 साल की बच्ची के गर्भवती होने का केस नहीं देखा है. वो बताती हैं कि छोटी उम्र में प्रेग्नेंसी का पता चल पाना मुश्किल होता है क्योंकि अगर पीरियड्स छूट भी जाते हैं, तो कोई फ़र्क पता नहीं चलता.’