कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरी दुनिया जूझ रही है. COVID-19 अबतक 150 से भी ज़्यादा देशों में फैल चुका है. स्थिति हर रोज़ और गंभीर होती चली जा रही है. आए दिन नए केस सामने आ रहे हैं. भारत में भी अबतक 100 से ज़्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. 

abcnews

ऐसे में सरकार भी इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए हर क़दम उठा रही है. देश में अधिकतर सार्वजानिक जगह जैसे मॉल, सिनेमाघर, स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी सब बंद कर दिए गए हैं. 

कई जगह तो ऑफ़िस कर्मचारियों को घर से काम करने के आदेश दिए गए हैं. 

जहां एक तरफ़ सब बंद हो रहा है और लोग घरों में रह कर ख़ुद को सुरक्षित रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं ऐसे में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो दिन-रात ऐसी गंभीर स्थिति में भी काम कर रहे हैं. 

businessinsider

हमारे लिए तो बेहद आसान है कि हमको ज़रा सी भी खांसी या सर्दी हो तो हम तुरंत अस्पताल की ओर अपना चेक-अप करवाने के लिए भागें. 

मगर क्या आपने एक बार भी सोचा है कि जो डॉक्टर, नर्स या कर्मचारी वहां काम कर रहे हैं उनकी ज़्यादा संभावना है कि वो इस ख़तरनाक वायरस की चपेट में आएं. वे लोग तो दिन-रात वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज़ बिना शिकायत के कर रहे हैं. 

हां, वे सभी प्रिकॉशन्स ले रहे हैं, मास्क पहन रहे हैं, ख़ुद को साफ़ रख रहे हैं. लेकिन क्या ये इस बात की 100 प्रतिशत गारंटी देता है कि वो वायरस से संक्रमित नहीं होंगे? शायद नहीं ! 

कुछ दिनों पहले, चीन में कोरोना वायरस से पीड़ित अपने आख़िरी पेशेंट को अस्पताल से डिस्चार्ज करने के बाद बिस्तर पर थके हुए लेटे एक डॉक्टर की तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो गई थी. 

इस वायरल तस्वीर ने हमें इस बात का एहसास करवाया कि किस तरह हेल्थ डिपार्टमेंट में काम करने वाला हर एक व्यक्ति कितना बड़ा बलिदान कर रहा है. 

कोरोना वायरस एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल है. दुनियाभर से डॉक्टर मदद करने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ा रहे हैं. हाल ही में, क्यूबा और चीन के डॉक्टर्स वहां के स्वास्थ्य अधिकारियों की मदद करने के लिए इटली पहुंचे. 

भले ही इटली पूरी तरह से बंद पड़ा है फिर भी किराने की दुकान और फार्मेसी शॉप्स खुली ही रहेंगी. ऐसे में वहां काम कर रहे लोगों के लिए ये कितना ख़तरनाक है इसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते. 

ये सभी भले ही परदे के पीछे रह कर काम कर रहे हैं मगर असल में हीरो तो यही हैं.