‘Camp Century’ नाम का ये सीक्रेट शहर US ने 1959 में छुपकर मिसाइल्स बनाने के लिए बनाया था. अब एक स्टडी में पता चला है कि जैसे-जैसे पर्यावरण में आ रहे बदलावों के चलते ग्रीनलैंड की बर्फ पिघलेगी, इस शहर के बाहर आने की सम्भावना है.

इस शहर में बर्फ़ के नीचे बनी सुरंगे हैं. यहां एक Nuclear Reactor भी था, जिससे निकला Nuclear Waste यहीं दफना दिया गया था. किसी ने नहीं सोचा था कि बर्फ के पिघलने से ये शहर एक दिन बाहर आ जाएगा. ऐसा 2090 तक होने की पूरी-पूरी आशंका है.

1959 में US Army के इंजीनियरों ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. सुरंगों के इस शहर में सबकुछ था. यहां अस्पताल, सिनेमा, चर्च आदि भी बनाये गए थे. ये सभी एक छोटे पोर्टेबल न्यूक्लियर रिएक्टर से चलते थे. इस शहर को ‘A City Under Ice’ भी कहा जाता है.

Geophysical Research Letters, में प्रकाशित हुई एक स्टडी में पता चला है कि हो सकता है भविष्य में इस शहर के Pollutants पर्यावरण को प्रदूषित करने लगें. इसकी सफाई की ज़िम्मेदारी किसकी है, ये सवाल अभी भी बना हुआ है. इन Pollutants में ज़हरीले PCBs, और Radioactive Coolant भी मौजूद हैं, जो पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.

‘Camp Century’ में लगभग 200 सैनिक रह सकते थे. इसे Arctic Research Projects की Laboratory के रूप में बनाया गया था. Scientists को जब पता चला था कि एक Glacier के खिसकने के कारण ये सुरंगें नष्ट हो सकती हैं, तो 1967 में इसे खाली कर दिया गया था. Nuclear Reactor भी वहां से हटा लिया गया था, पर Waste वहीं छोड़ दिया गया था. लगभग आधे दशक बाद इसके बाहर आने की संभावना जताई जा रही है. फिलहाल ये शहर बर्फ के 35 मीटर नीचे दबा हुआ है.

Greenland के Foreign Minister Vittus Qujaukitsoq का कहा कि ये चौंकाने वाला खुलासा है, जिसके लिए हमें कोई न कोई उपाय खोजना होगा.

U.S. Base 50 वर्ष पूर्व वहां से हटा दिया गया था. अब इस Nuclear Waste को हाटाना Engineering के हिसाब से भी मुश्किल होने वाला है.

Professor Colgan का कहना है कि सभी सुरंगों को बाहर निकालने में बहुत अधिक पैसा लगेगा, इसलिए इनके बाहर आने से पहले इनकी सफाई कर के Nuclear Waste हटाना बेहतर रहेगा.

 इसकी सफाई की ज़िम्मेदारी किसकी है, ये सवाल अभी भी बना हुआ है. इन Pollutants में ज़हरीले PCBs, और Radioactive Coolant भी मौजूद हैं, जो पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.