साउथ दिल्ली की एक गेटेड कम्युनिटी में इंडपेंडेंट फ़्लोर खरीदने का खर्च एक फ़ार्महाउस खरीदने के ही बराबर है. कोविड-19 महामारी बीते 6 महीने से जारी है, ऐसे में भारतीय बाज़ार में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. 

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इस महामारी के चलते अर्थव्यवस्था की हालत इतनी ख़राब हो गई है कि लुटियंस बंगला जोन (LBZ) एरिया में रियल एस्टेट की क़ीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. जिसके चलते भविष्य में खरीद के पैटर्न में भी बदलाव देखने को मिलेंगे. 

The Economic Times की एक नई रिपोर्ट बताती है कि कोविड-19 ने दिल्ली NCR एरिया में फ़ार्महाउस की मांग में बढ़ोतरी पैदा कर दी है क्योंकि लॉकडाउन के बाद हाई-नेटवर्क-इंडिव्यूजवल्स (HNIs) खुली जगहों की तलाश कर रहे हैं.

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रिपोर्ट के अनुसार, NCR में दलालों का कहना है कि खुले स्थानों की मांग बढ़ने के कारण फ़ार्महाउस की कीमतें बढ़ने की संभावना है. पिछले दो महीनों में 20 से अधिक संपत्तियां खरीदी गईं, जबिक महामारी से पहले औसतन महीने में दो या तीन ही डील्स होती थीं.

ऊंचे-ऊंचे अपार्टमेंट और पेंटहाउस में सीमित स्थानों में रहने से थक चुके धनी व्यापारी और अधिकारी अब ज़्यादा खुले वातावरण वाले स्थानों पर रहना चाहते हैं. 

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फ़ार्महाउस के लिए बढ़ती मांग के लिए क़ीमत भी एक बड़ा फ़ैक्टर है. साउथ दिल्ली के वसंत कुंज या डिफेंस कॉलोनी जैसी गेटेड कम्युनिटी में एक इंडिपेंडेंट फ़्लोर खरीदने का खर्च एक फ़ार्महाउस खरीदने के ही बराबर है, यही वजह है कि पैसे वाले लोग अब बाहर एरिया की ओर शिफ़्ट हो रहे हैं. 

दिल्ली में फार्महाउस में निवेश करने के लिए मुफ़ीद जगह और उनकी औसतन क़ीमत

1.छतरपुर (11,111/sq.ft.)

2.वसंत कुंज (26,153/sq.ft.)

3.ग्रीन एवेन्यू (7,346/sq.ft.)

4.Westend Greens (6,678/sq.ft.)

5.असोल (4,989/sq.ft.)

6.पुष्पांजलि (52,264/sq.ft.)