बीते शुक्रवार को एक ओर जहां सीबीआई की स्पेशल अदालत डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार की सज़ा सुना रही थी, वहीं राम रहीम की सुरक्षा में लगे बॉडीगार्ड उसे भगाने की योजना बने रहे थे. हलांकि, पुलिस की कड़ी सतर्कता की वजह से उनकी बनी बनाई योजना पर पानी फिर गया.
News18 की रिपोर्ट के मुताबिक, पंचकुला में हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज एफ़आईआर में राम रहीम के फ़ॉलोवर ने उसे भगाने की फुलप्रूफ़ योजना बना रखी थी, लेकिन मौका-ए-वारदात पर पुलिस के अधिकारियों ने पहुंच कर उनकी योजना को कामयाब नहीं होने दिया.

ऐसे थी राम रहीम को भगाने की साज़िश
जज ने राम रहीम को रेप का दोषी करार देते हुए 28 अगस्त तक यानि सज़ा के ऐलान होने तक, उसे रोहतक जेल में रखने का आदेश सुनाया. इधर केस की कार्यवाही पूरी होते ही हरियाणा पुलिस राम रहीम को स्कॉर्पियो कार में बैठा कर, रोहतक जेल के लिए रवाना हो गई. तभी अचानक मामले में फ़िल्मों की तरह ट्विस्ट आता है और कोर्ट कॉम्प्लेक्स से पुलिस बैरियर तक पहुंचने से पहले ही उनके साथ चल रही, डेरा प्रमुख की सफे़द रंग की एंडेवर कार ने उन्हें ओवरटेक किया. ये कार पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल जैमिंग सिस्टम से लैस थी.
किसी फ़िल्म या फिर धारावाहिक की तरह डेरा की कार स्कॉर्पियो को ब्लॉक करने और पुलिस फ़ोर्स को आगे की साइड से काटने में कामयाब रही. मौका देखते ही हरियाणा पुलिस कमांडो की काली ड्रेस में 6 आदमी कूदे और हर एक गेट पर 2 लोग खड़े हो गए. इस बीच ड्राइवर कोई हरकत न करते हुए, अपनी सीट पर ही बना रहा. इस बीच एक हैरान कर देने वाली बात भी सामने आई है, वो ये कि ये गार्ड हरियाणा पुलिस फोर्स के ही अफ़सर थे.

राम रहीम को रोहतक ले जाने वाले एक पुलिस अफसर ने बताया, डेरा प्रमुख के गार्ड उसे गाड़ी से बाहर निकालने की जद्दोजहद में जुटे हुए थे और हम लगातार उन्हें रोकने का प्रयास कर रहे थे. इसके साथ ही गार्ड ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रहे थे कि ‘हमें पिताजी वापस चाहिए’
इस वक़्त अधिकारियों के पास दो टास्क थे, एक तो डेरा प्रमुख को सुरक्षित रखना और दूसरा खुद को बचाना. मामले के चश्मदीद गवाह अधिकारी ने 26 अगस्त को पंचकुला के सेक्टर नंबर 5 पुलिस स्टेशन में धारा 336 के तहत मामले की शिकायत भी दर्ज कराई है.
इसी बीच कुछ अधिकारियों को महसूस हुआ कि वहां सबकुछ ठीक नहीं है, इसी कारण कुछ और सुरक्षाकर्मियों ने पुलिस बैरियर के नजदीक घटनास्थल पर पहुंच कर डेरा के गार्ड्स को पुलिस हिरासत में ले लिया.
राम रहीम को भगाने की योजना में शामिल 7 में से 5 डेरा गार्ड अजय, राम सिंह, बलवान सिंह, कृष्णदास और ड्राइवर विजय सिंह हरियाणा पुलिस के ही जवान थे. इन सभी पर आर्म्स ऐक्ट के सेक्शन 25 और सेक्शन 148, 149, 224, 307 और 511 के तहत कार्रवाई की गई है. इस दौरान डेरा की कार से एक ऑटोमैटिक मशीन गन, दो मैग्जीन, 22 राउंड फ़ायरिंग वाली माउज़र पिस्टल और दूसरे हथियार भी बरामद किए गए हैं. हलांकि, अभी ये साफ़ नहीं हो पाया है कि ये हथियार कहां से आए.

वहीं हरियाणा पुलिस के IG केके राव ने बताया, ‘सिविल सेक्रेट्रिएट की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी हमारे पास थी. वहीं बाबा पर फै़सला आना बाकी था और उसके बाद उन्हें रखा जाना था. जब डीसीपी सुमित राम रहीम को कोर्ट लाए, तो डेरा प्रमुख के पास भागने का पहले से प्लान था. जैसे ही कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया, उन्होंने लाल बैग मांगा. ये लाल बैग उनके फ़ॉलोअर के लिए सिग्नल था, जिसके बाद वहां हंगामा शुरू हो गया.’ राव आगे बताते हैं कि इस बीच पुलिस ने वो कार बदल दी, जिसमें राम रहीम को ले जाने की योजना थी और उन्हें डीसीपी सुमित की स्कॉर्पियो कार में बैठा दिया गया.
किसी ने सच ही कहा कि सारे बुरे कर्मों की सज़ा इंसान को यहीं मिलती हैं, तुम कितने भी प्रयास कर लो लेकिन, सज़ा तो तुम्हे मिल कर ही रहेगी.