जहां एक तरफ़ धार्मिक स्थलों को लेकर अतिसंवेदनशील लोग अपने क्षेत्र को रणभूमि बनाने से गुरेज़ नहीं करते, वहीं पंजाब के एक गांव में हिंदू और सिख परिवारों ने सांप्रदायिक सौहार्द की शानदार मिसाल पेश की है.

लुधियाना के गालिब राण सिंह वाल गांव में सिख और हिंदू परिवारों ने मिलकर एक मस्जिद का निर्माण किया है. गांव वालों ने इस मस्जिद का उद्घाटन 25 मई को किया था. गौरतलब है कि गांव के मुस्लिम लोगों को नमाज़ पढ़ने के लिए दूसरे गांवों में जाना पड़ता था.

रमज़ान के महीने की शुरुआत हो चुकी है. अगले एक महीने तक मुस्लिम समुदाय के लोग रोज़े रखेंगे. इस दौरान पांचों वक्त की नमाज़ के लिए भी लोग मस्जिद में जाते हैं. इस गांव में रहने वाले मुसलमानों का मानना है कि मस्जिद के बन जाने की वजह से यहां रहने वाले मुस्लिमों को काफ़ी आसानी होगी और उन्होंने इसे ईद का तोहफ़ा बताया.

मस्जिद का नाम हजरत अबू-बकर मस्जिद रखा गया है. वहीं खबर के मुताबिक, इस मस्जिद को बनाने का फैसला 1998 में लिया गया था. इसके बाद मस्जिद बनाने के लिए ज़मीन एलॉट की गई थी लेकिन मस्जिद बनाने का काम बीते 2 मई से ही शुरू हो पाया था. इस गांव की आबादी बेहद कम है. यहां लगभग 1300 लोग रहते हैं. इनमें से 700 सिख, 200 हिंदू और 150 मुसलमान रहते हैं.

गांव वालों ने बाकायदा मुस्लिम परिवारों के साथ मिलकर इस मस्जिद का निर्माण कराया है. एक सादे समारोह के दौरान सरपंच और गांववालों ने शाही इमाम से मस्जिद का उद्घाटन कराया. मौके पर नायाब शाही इमाम मौलाना उस्मान रहमानी ने कहा कि गांववालों की इस पहल से कौमी एकता की नींव मज़बूत होगी.