2008 में नॉर्वे में एक तिजोरी का निर्माण किया गया था. इसमें दुनिया भर से लाए गए बीजों को संरक्षित किया गया. इसका निर्माण Doom’s Day (क़यामत) या फिर न्यूक्लियर वॉर के समय खाने और किसी स्पेशल वनस्पति को बचाए जाने के इरादे से किया गया था. लेकिन 11 साल बाद इसी पर ख़तरा मंडराने लगा है और इसकी वजह ग्लोबल वॉर्मिंग हैं. 

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Doomsday Vault नाम से फ़ेमस इस तिजोरी में करीब 6500 दुर्लभ प्रजाति के बीज संरक्षित किए गए हैं. स्काई न्यूज़ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आर्कटिक क्षेत्र में बनी इस तिजोरी पर आने वाले समय में हिमस्खलन, बाढ़ और पहाड़ों के गिरने का ख़तरा मंडरा रहा है. क्योंकि इस इलाके का तापमान दुनिया के किसी भी शहर से अधिक तेज़ी से बढ़ रहा है. 

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इसके Permafrost (बर्फ़ में दबी जगह) की ऊपरी सतह पिघलने लगी है और इसके आस-पास पानी जमा होने लगा है. जानकारों के अनुसार, इस शहर का तापमान आने वाले 100 सालों में 8.3 डिग्री तक बढ़ जाएगा. 

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मतलब इसके नष्ट होने का समय तेज़ी से करीब आ रहा है. अगर वक़्त रहते हमने ग्लोबल वार्मिंग की समस्या का हल नहीं निकाला, तो भविष्य को संरक्षित रखने की इंसानों की ये योजना भी ख़तरे में पड़ जाएगी. 

इस ख़बर को वार्निंग की तरह लेते हुए हमें अभी से ही Doomsday Vault को बचाने और ग्लोबल वॉर्मिंग से निपटने के काम में लग जाना चाहिए.