क़रीब 60 साल के हरिश्चंद्र श्रीवर्धनकर मुंबई में एक फुटपाथ पर लेटे हुए थे, जब पास में ही एक दुक़ानदारी की नज़र पर उन पर पड़ी. दुक़ानदार ने उनकी मदद की, लेकिन बाद में पता चला कि ये कोई आम शख़्स नहीं है, बल्क़ि ये वो गवाह हैं, जिसने 26/11 के आतंकवादी अजमल कसाब की पहचान की थी और उसकी एक गोली खाने के बाद भी बच गए थे.
Indiatoday की रिपोर्ट के मुताबिक़, हरिश्चंद्र श्रीवर्धनकर को उनके परिवार ने घर से निकाल दिया है. वो बिना छत और खाने के मुंबई के फ़ुटपाथ पर पड़े थे, तब ही Saath Rasta shop के मालिक Dean D’Souza की नज़र उन पर पड़ी. उन्होंने बुज़ुर्ग़ की हालत देखकर उनकी मदद करने का फ़ैसला किया.
बता दें, श्रीवर्धनकर ने 26/11 हमले के एक आतंकवादी को अपने बैग से मारा था. श्रीवर्धनकर मुख्य गवाहों में से एक थे, जिन्होंने अजमल कसाब की पहचान की थी. कसाब की एक गोली से वो घायल भी हो गए थे, जब उसके साथी अबू इस्माइल और उसने कामा अस्पताल के बाहर फ़ायरिंग शुरू कर दी थी.
D’Souza ने उन्हें एक फ़ुटपाथ देखा, उनकी हालत काफ़ी खराब लग रही थी. उनके दोस्त गायकवाड़, जो बेसहारा लोगों के लिए IMCares नामक एक NGO चलाते हैं, उन्होंने कहा, ‘श्रीवर्धनकर को जो हमने खाना दिया, वो उन्होंने नहीं खाया. हमने उन्हें नहलाया और नाई से उनके बाल कटवाये. वो बार-बार ‘हरिश्चंद्र’, ‘बीएमसी’ और ‘महालक्ष्मी’ बड़बड़ा रहे थे, इससे हमें लगा कि इनका कोई रिश्तेदार यहां आसपास रहता है.’
गायकवाड़ ने कहा, ‘हमने पूरा एक दिन बीएमसी कॉलोनी के पास बिताया और उनके भाई का पता लगाया. उन्होंने हमें श्रीवर्धनकर के बारे में बताया और कहा कि वह कल्याण में रहते हैं. उन्होंने हमें 26/11 हमलों से जुड़ा उनका इतिहास भी बताया.’
गायकवाड़ ने बताया कि उन्होंने सच्चाई का पता लगाने के लिए पुलिस की भी मदद ली.
गायकवाड़ ने कहा, ‘दुखद बात ये है कि उनका परिवार उनकी देखभाल नहीं करना चाहता है और वे हमें आश्रम में भर्ती करने के लिए कह रहे हैं. हम चाहेंगे कि लोग आगे आएं और इस असाधारण व्यक्ति की मदद करें. उन्होंने एक आतंकवादी को सज़ा दिलाने में मदद की. उनके सिर पर चोट लगने के बाद से उन्हें बोलने में समस्या होती है.’