देश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बर्फ़बारी हो रही है. इस कारण देश के मैदानी इलाकों में शीतलहर चल रही है. सोचिए, जब भारत का ये हाल है, तो यूरोपीय देशों की स्थिति कैसी होगी? वहां की ठंड तो शबाब पर है. छूते ही आदमी बर्फ़ में जम जाता है. अभी हाल ही में जर्मनी में ठंड का कहर बयां करने वाली एक तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई थी. इस तस्वीर ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया था.

दरअसल, यहां एक लोमड़ी नदी में गिरने से जम गई. चार दिन पहले ये लोमड़ी दक्षिण-पश्चिम जर्मनी के काले वन से बहने वाली डेन्यूब नदी को पार कर रही थी और उसी दौरान जमी हुई नदी में गिर गई. नदी में फंस जाने की वजह से वह निकल ही नहीं पाई और जम गई. पूरी तरह जम जाने की वजह से आरी से काटकर उसे बाहर निकाला गया.

बता दें कि ये तस्वीर लोमड़ी के नदी में गिरने के 4 दिन बाद ली गई है. पास रहने वाले एक शख़्स ने लोमड़ी को इस हाल में देखा और उसकी बॉडी को बर्फ़ काटकर निकाला दिया.
इस तस्वीर को नकली बता रहे हैं
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस तस्वीर को फ़ेक बताया है. Jager Franz Stehle नाम के एक शख़्स ने इस लोमड़ी को बचाने का दावा किया है. वो इस नदी के पास में अपना एक गेस्ट हाउस चलाते हैं. उन्होंने बताया कि ‘मेरी नज़र इस लोमड़ी पर पड़ी, जो पूरी तरह से बर्फ़ में फंसी हुई थी. ऐसे में मानवता के नाम पर हमने इसे बचाया.’

कई लोग इस बात से सहमत भी हैं और कई लोग असहमत भी है. असहमती वाले गुट का तर्क है कि जिस विधि का इस्तेमाल कर लोमड़ी को बचाने का दावा किया गया था, वो वैज्ञानिक पद्धति के ख़िलाफ़ है. ऐसे में Jager Franz Stehle का दावा पूर्णत: ग़लत मालूम होता है.
अब ये तो आने वाला समय ही बताएगा कि आख़िर में सच्चाई क्या है. मगर इस ख़बर ने पूरी दुनिया के लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है.