हैदराबाद. देश का एक बड़ा टेक्नोलॉजिकल हब. लेकिन इस जगह का एक स्याह पहलू भी है. गल्फ़ देशों के किसी अमीर अधेड़ शेख के साथ छोटी बच्चियों की शादी का कल्चर हैदराबाद में कई सालों से रहा है. ज़्यादातर केसों में लड़की के परिवार वाले ही शादी का खर्च उठाते हैं और इन लोगों को एक निश्चित रकम देकर एक तरह से लड़कियों को शादी की आड़ में ‘खरीद’ लिया जाता है. हाल ही में 65 साल के एक शख़्स की 16 साल की लड़की के साथ गैरकानूनी ढंग से शादी इसकी एक ताज़ा बानगी है.
हालांकि इस मामले के बाद अब शहर की मस्ज़िदें बालविवाह के खिलाफ़ आगे आई हैं. कई मस्ज़िदें एक ऐसे कैंपेन के साथ हाथ मिला रही हैं जिसका मकसद इन लड़कियों को बचाना है और शादी की आड़ में बूढ़े और अधेड़ लोगों द्वारा लड़कियों की खरीददारी पर अकुंश लगाना है.
गौरतलब है कि पिछले हफ़्ते 65 साल के एक शख़्स ने 16 साल की एक लड़की से शादी रचाई थी. लड़की के पिता ने इसके लिए 5 लाख रुपये भी लिए थे वहीं लड़की की मां को इस बारे में कुछ पता नहीं था. पुलिस के मुताबिक, मस्केट से इस बच्ची ने अपनी मां को फ़ोन कर मदद की गुहार भी लगाई तब जाकर ये मामला चर्चा में आया. सरकार ने इस मामले की गंभीरता देखते हुए फ़ौरन जांच के आदेश दिए.
हैदराबाद पुलिस का कहना था कि लड़की के पिता ने बच्ची की उम्र से संबंधित फ़र्जी दस्तावेज़ दिए थे क्योंकि भारत में कानूनी तौर पर 18 साल से पहले शादी नहीं की जा सकती है. पुलिस उस क़ाज़ी की भी तलाश कर रही है, जिसने हैदराबाद के होटल में ये शादी रचाई.

इस कैंपेन में भाग लेने वाले लोगों ने बताया कि हर साल ऐसी कई शादियां होती हैं और अक्सर इन लड़कियों के साथ शारीरिक और Sexual हिंसा की जाती है. रिग्रेसिव और पुरुष प्रधान माहौल में इन लड़कियों का भविष्य भी कई मायनों में ख़त्म हो जाता है.
हैदराबाद के डिस्ट्रिकट चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफ़िसर इम्तियाज़ रहीम के मुताबिक, गरीब लोगों को धमका कर या उन्हें लालच देकर कई लोगों द्वारा ऐसी शादी की जाती है और शादी की आड़ में एक तरह से इन बच्चियों के गुलाम बना लिया जाता है. इससे पहले भी हमने कई ऐसे काज़ियों के लाइसेंस रद्द किए हैं, जो इस तरह की घटनाओं में शामिल थे.
उन्होंने कहा कि ‘हमने सख्त हिदायत दी है कि शादी से पहले लड़कियों का Age Proof होना अनिवार्य है. इसके अलावा हमने मस्जिदों से कहा है कि वे भी अपने उपदेशों में इस तरह की शादियों के खिलाफ़ संदेश जारी करें. मस्ज़िदों में 5 से 10 मिनट की घोषणाएं से लोगों के बीच बाल विवाह को लेकर जागरूकता फ़ैलाई जा सकती है.’
पुलिस यूं तो हैदराबाद और आसपास के क्षेत्रों में बाल विवाह को लेकर दबिश दे रही है, लेकिन अधिकारियों के मुताबिक, अरब के इन लोगों की शादियां काफ़ी गुप्त तरीके से होती है. ऐसे में अगर बाल विवाह के खिलाफ़ संदेश पहुंचाने के लिए मस्ज़िदों का इस्तेमाल किया जाए, तो ये काफ़ी प्रभावशाली साबित हो सकता है.
शाहीन वीमेन रिसोर्स एंड वेल्फ़ेयर एसोसिएशन की फ़ाउंडर जमीला निशत ने कहा, ‘भारत में बाल विवाह के खिलाफ़ बने कानून कुछ हद तक प्रभावशाली रहे हैं लेकिन अब कई ऐसे केस भी सामने आए हैं जहां लड़कियों को गल्फ़ देशों में 40 दिन के वीज़ा पर ले जाया जाता है और फिर वहां उनसे शादी कर उन्हें चंगुल में फ़ंसा लिया जाता है.’
वहीं हैदराबाद की डिप्टी कमिश्नर का कहना था कि भारत में कई सरकारी एजेंसियां 16 साल की इस बच्ची को मुस्केट से भारत लाने की कोशिश कर रही हैं.