दुनिया में एलियंस के अस्तित्व को लेकर मीडिया में अक्सर कोई न कोई खबर आ ही जाती है, लेकिन इनमें से ज़्यादातर कोरी कल्पना भरे किस्से होते हैं. दुनिया के बुद्धिजीवियों का एक वर्ग मानता है कि जब तक इंसान ‘समय की यात्रा’ करने के लिए प्रकाश की रफ़्तार से लैस कोई यंत्र नहीं बना लेगा, तब तक एलियंस से मुलाकात एक दूर-दराज का सपना ही रहेगा. लेकिन दुनिया में अलग-अलग समय पर नज़र आने वाले UFO कुछ और ही कहानी कहते हैं.
नवंबर 2014 में बेंगलुरू के खूबसूरत आसमां पर कुछ विचित्र आकृतियां दिखाई दी थीं. अक्टूबर 2014 में इन रहस्यमयी आकृतियों का कारवां मुंबई में स्थित थाने में भी देखा गया.
1964 में Billy Meier नाम का एक शख़्स दिल्ली आया था. दुनिया के सबसे मशहूर UFO रिसर्चर में शुमार, बिली ने दिल्ली शहर की कुछ चौंकाने वाली तस्वीरें ली थीं. दावा किया गया कि दिल्ली के आसमां में UFO दिखाई देते हैं. बिली ने अपनी सिलसिलेवार तस्वीरों में दिल्ली में UFO के होने का सबूत दिया था.
जनवरी 2017 में सीआईए ने करीब 9,30,000 दस्तावेज़ों को अपनी वेबसाइट पर जारी किया था. इन दस्तावेज़ों में साल 1968 का एक डॉक्यूमेंट ऐसा भी था, जिसमें भारत समेत नेपाल और भूटान में 6 UFO देखे जाने की विस्तृत जानकारी मौजूद थी.
भारत में दिखने वाली UFO की घटनाएं, अमेरिका और रूस की तुलना में छिटपुट ही होती हैं. भारत में आगरा में ताजमहल के पास, केरल के कन्नूर में इन्हें देखा गया था. लेकिन इसके बावजूद भारत में UFO और उन पर रिसर्च को लेकर कुछ ही लोगों में उत्साह बना हुआ है. 2017 के इस ज़माने में भारत में हर जगह कैमरों की मौजूदगी है और इससे भारत में UFO खोजकर्ताओं का एक छोटा-सा समूह काफ़ी उत्साहित है.
रामकृष्णन वैष्णव ऐसे ही एक खोजकर्ता हैं. वे गूगल मैप की मदद से ऐसी ही किसी संदिग्ध आकृति को मैप करने की कोशिश करते हैं. उनका दावा है कि तमिलनाडु में गूगल मैप की वजह से मिली दो रहस्यमयी आकृतियां पैरानॉर्मल और एलियंस हो सकती हैं.
चेन्नई के एक UFO Investigator, कुमारासन रामानाथन का कहना है कि ज़्यादातर केसों में पक्षियों, हवाईजहाजों और सामान्य आकृति वाली चीज़ों को UFO समझ लिया जाता है, लेकिन High Magnification और IR कैमरा सटीक आकलन में काफ़ी हद तक मदद करते हैं.
तो क्या आपने भी कभी किसी विचित्र आकृति को आसमां में मंडराते देखा है? कमेंट बॉक्स में अपने अनुभव से अवगत कराएं.