कल अर्नब का #ArnabExposesLobby वाला शो देखा? अगर देखा, तो मेरी संवेदनाएं आपके साथ हैं. आपके ज़ख़्म जल्दी भरें ऐसी मेरी कामना है. और अगर नहीं देखा, तो सॉरी, मैं आपको बताउंगा कि कल क्या हुआ.
This was a gem watching on live TV 😂 #ArnabExposesLobby pic.twitter.com/FpX0RbFuYx
— prabhakar (@prab1268) July 24, 2019
फ़िल्म इंडस्ट्री और समाज के 49 प्रतिष्ठित लोगों ने प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखा. मुद्दा था देश में हो रही अल्पसंख्यंको की लिंचिंग. अनुराग कश्यप, अपर्णा सेन, रामचंद्र गुहा, मणी रत्नम आदि हस्तियों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ये चिंता जताई की, देश में ‘जय श्री राम’ के नारों को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. बाकि चिट्ठी का सार यही था कि इन लोगों को देश में अल्पसंख्यकों और दलितों के ख़िलाफ़ बढ़ रही सांप्रदायिक हिंसा को लेकर चिंता है.
वापस अर्नब पर आते हैं. फ़िल्म हस्ती, अपर्णा सेन अपने खुले पत्र से शुरू हुई चर्चा पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही थीं. अर्नब गोस्वामी वहां जा न सके, लेकिन उनका आदमी (रिपोर्टर) वहां मौजूद था.
#ArnabExposesLobby | Lobby refuses to answer on LIVE TV as Arnab Goswami confronts them with over 10 questions
— Republic (@republic) July 24, 2019
Watch LIVE here – https://t.co/LGCyJUEBn5 pic.twitter.com/KFSUDgmpCg
सही ग़लत से कहीं बहुत दूर जा कर, हम सिर्फ़ अर्नब के इन्टेरोगेशन की बात करेंगे. 49 हस्तियों द्वारा ख़ुला ख़त लिखना सही या ग़लत? हम नहीं कह सकते! अर्नब गोस्वामी का सीधे-सीधे उन्हें देशद्रोही, अर्बन नक्सल आदि बोलना, सही या ग़लत? ये आप तय कीजिए. मैं तो टीवी बस मज़े लेने के लिए देख रहा था, जो कि कल हद से पार चला गया.
This was a gem watching on live TV 😂 #ArnabExposesLobby pic.twitter.com/FpX0RbFuYx
— prabhakar (@prab1268) July 24, 2019
Arnab To Aparna Sen:#ArnabExposesLobby pic.twitter.com/dDT2dsSlDo
— Sahil Beriwal (@sahilberiwal) July 24, 2019
अर्नब गोस्वामी फ़ोन से ही स्टूडियो में बैठ कर प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोगों से सवाल पूछ रहे थे. वैसे फ़ोन की ज़रूरत तो थी ही नहीं क्योंकि उनकी गर्दन पर फड़फड़ाती नसें देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो अर्नब की आवाज़ आकाशवाणी की तरह सीधे सुनाई दे रही थी.
कल अर्नब को देख कर मुझे मेरे पुराने कंजूस दोस्तों कि याद आ गई. उनका एक ही काम था, ‘मैंने फ़ोन किया है तो मैं ही बोलूंगा, तुम्हें अपनी बात कहनी है तो तुम अपने पैसे लगा कर फ़ोन करो.’
Arnab right now:#ArnabExposesLobby pic.twitter.com/Vt23I22F7J
— Sahil Beriwal (@sahilberiwal) July 24, 2019
अर्नब ने दनादन-दनादन सवाल दागे. अगले तक कितने पहुंचे ये मत पूछिएगा. सवाल पूछे गए, ये ज़रूरी है, सवाल सुने गए? सवालों का जवाब मिला? इससे क्या फ़र्क पड़ता है. सवाल पूछना पत्रकारिता का उसूल है. सवाल का न सुनाई देना टेक्निकल मामला हो सकता है. एक सच्चा पत्रकार टेक्नीकैलिटीज़ में नहीं फंसता, बस सवाल पूछ डालता है.
Other journalists should learn something from Arnab Goswami Ji They ask such a difficult question that Aparna Sen did not answer one.#ArnabExposesLobby #BiasedMedia @ArnabGowsami pic.twitter.com/rgFqgQE1vt
— Dev baniya (@Devbaniyaji) July 25, 2019
वैसे सच बताऊं तो मेरी निजी राय है कि अर्नब को पत्रकारिता की जगह अभिनय में हाथ आज़माना चाहिए. लुक तो ख़ैर माशाअल्लाह है, स्किल्स की बात होगी तब गहरी और गूंजती आवाज़, Voice Modulaiton, स्टेज को पूरी तरह से इस्तेमाल करने की कला को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाएगा. डीबेट के दौरान जब 15-20 पैनलिस्ट को अर्नब अकेले संभाल लेते हैं, तो दिल कहता है कि एक हीरोगिरी तो है इनमें.
जो भी हो अर्नब गोस्वामी पत्रकारिता को छोड़ कर गए तो बड़ा नुकसान हो जाएगा. मैं चहता हूं कि वो ऐसे ही धुआंधार, एक्शन सीन वाले बैकग्राउंड म्यूज़िक के साथ शोज़ करते रहें, ट्विटर ट्रेंड्स चलाते रहें, मनोरंजन पहुंचाते रहें.