दिल्ली मेट्रो से सफ़र करते हुए आपने एक नीले रंग की ड्रेस में हाथ जोड़े खड़ी एक बच्ची की फ़ोटो ज़रूर देखी होगी. ये दिल्ली मेट्रो का शुंभकर यानी Mascot है जिसका नाम ‘मैत्री’ है. मैत्री कैसे दिल्ली मेट्रो का शुभंकर बनी इसकी कहानी भी काफ़ी दिलचस्प है.
दरअसल, साल 2012 में इस बच्ची का जन्म दिल्ली मेट्रो में ही हुआ था. बच्ची की मां जूली देवी जब प्रेग्नेंट थी तब वो दिल्ली मेट्रो से फ़रीदाबाद से सफ़दरजंग अस्पताल जा रही थीं. रास्ते में ही उन्हें लेबर पेन होने लगा.
ख़ान मार्केट मेट्रो स्टेशन पर दो महिलाओं की मदद से उन्होंने मेट्रो में ही एक बच्ची को जन्म दिया. ये पहली बच्ची थी जिसका जन्म मेट्रो के अंदर हुआ. मेट्रो के कर्मचारियों ने सेंट्रल सेक्रेटिएट स्टेशन पर जूली और उनकी बच्ची को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाने का इंतजाम किया.
दिल्ली मेट्रो की शुंभकर मैत्री से जुड़ी ये जानकारी हमें एक ट्विटर थ्रेड मिली थी. इसे राहुल पाल नाम के एक यूज़र ने शेयर किया था. उन्होंने ये भी बताया कि बच्ची के माता-पिता ने उसका नाम मैत्री रखा था. क्योंकि इसका मतलब दोस्ती होता है और ये मेट्रो से मिलता-जुलता है. आजकल मैत्री डीएमआरसी द्वारा किए गए ट्विट्स में मास्क और दस्ताने पहन कर लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करती नज़र आती है.
क्या आप दिल्ली मेट्रो की शुभंकर मैत्री से जुड़ी ये स्टोरी जानते थे?
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