दुनिया के 200 से अधिक देश इस समय कोरोना वायरस के क़हर से जूझ रहे हैं, लेकिन दुनिया का एक देश ऐसा भी है जो अब भी कोरोना वायरस के प्रभाव से बचा हुआ है. दरअसल, हम मध्य एशिया के देश तुर्कमेनिस्तान की बात कर रहे हैं. 

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इस वैश्विक महामारी से जहां तुर्कमेनिस्तान का पड़ोसी देश ईरान बुरी तरह से पीड़ित है वहीं तुर्कमेनिस्तान में अब तक अधिकारिक तौर पर कोरोना वायरस के संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है. अब तुर्कमेनिस्तान ने कोरोना वायरस से बचने के लिए एक अनोखी तरकीब भी निकाल ली है. 

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दरअसल, तुर्कमेनिस्तान ने अपने यहां कोराना वायरस शब्द के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. कोरोना वायरस शब्द लिखने और सामान्य बोलचाल में इस शब्द का इस्तेमाल करने वाले को गिरफ़्तार कर जेल भेजने का एलान जारी किया है. 

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स्थानीय मीडिया के मुताबिक़, तुर्कमेनिस्तान सरकार ने पुलिस को इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को गिरफ़्तार कर जेल भेजने का आदेश दिया है. मतलब ये कि कोरोना वायरस शब्द लिखने और सामान्य बोलचाल में इसका इस्तेमाल किया तो जेल की हवा कहानी पड़ेगी. 

बैनरों व पोस्टरों से भी हटाया कोरोना वायरस शब्द

तुर्कमेनिस्तान सरकार द्वारा कोरोना वायरस शब्द पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी इसके बचाव के लिए लगाए जा रहे जागरूकता अभियान वाले बैनर व पोस्टरों में भी बदलाव किया गया है. अब बैनरों व पोस्टरों में कोरोना वायरस की जगह बीमारी या फिर सांस की बीमारी शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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मीडिया राइट्स ग्रुप ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ की पूर्वी यूरोप व मध्य एशिया डेस्क के प्रमुख जेनी कैवेलियर का कहना है कि तुर्कमेनिस्तान में अगर लोग मास्क लगाकर सार्वजनिक क्षेत्र में निकले भी तो उन्हें गिरफ़्तार किया जा सकता है.