कल ट्विटर पर #BoycottZomato ट्रेंड कर रहा था. Uber Eats ने अपनी राइवल कंपनी ज़ोमैटे के समर्थन में एक ट्वीट किया, तो आज लोग #BoycottUberEats भी ट्रेंड कराने लगे. साथ ही साथ #IstandWithAmit, #IdontStantWithAmit, #Musalman आदि भी ट्रेंड कर रह था. 

ये सब शुरू कैसे हुआ, पहले वो समझते हैं, फिर आगे बढ़ेंगे. पंडित अमित शुक्ला नाम के एक शख़्स ने अपना ज़ोमैटो ऑर्डर इसलिए कैंसल कर दिया क्योंकि उसका खाना पहुंचाने वाला राइडर हिन्दू नहीं था. इस पर ज़ोमैटे ने भी ट्वीट कर कहा कि खाने का कोई धर्म नहीं होता, खाना ख़ुद एक धर्म है. इसके बाद पूरा इंटरनेट दो हिस्सों में बट गया. 

आधी जनता ज़ोमैटो के पीछे पड़ी हुई है, आधी उसके साथ खड़ी है. कुछ ऐसे भी हैं, जो अमित शुक्ला का विरोध कर रहे हैं लेकिन उन्हें ज़ोमैटा का ट्वीट भी पसंद नहीं आ रहा, उनका कहना है कि खाने का धर्म होता है, तभी लोग झटका या हलाल मांस की मांग करते हैं. 

सबसे पहले तो लोगों को यह समझना चाहिए कि ज़ोमैटो खाना बनाता नहीं, पहुंचाता है. अगर किसी को झटका/हलाल खाना चाहिए और कोई पार्टनर होटल उसे बेचता है तो ज़ोमैटो खाना ग्राहक तक पहुंचा देगा. अगर इसमें कोई विवाद भी है तो वो ग्राहक और होटल के बीच होगा. ज़ोमैटो ज़्यादा से ज़्यादा गुणवत्ता के लिए जवाबदेही ले सकता है. किंतु ग्राहक ये मांग करता है कि उसका खाना किसी ख़ास धर्म का इंसान ही उसतक पहुंचाए तब यह मामला सीधा-सीधा ग़ैरबराबरी का बनता. 

जब अमित शुक्ला ने खाना लेने से मना किया तब उसने असमानता और संप्रदायिकता की बात की, लेकिन कोई हलाल चिकेन ऑर्डर कर रहा है और नहीं मिलने पर ज़ोमैटे से शिकायत कर रहा है तब वह अपने आस्था के अनुसार खाने की चयन कर रहा है, बिल्कुल वैसे ही जैसे कुछ लोग इच्छा या आस्था के अनुसार सिर्फ़ शाकाहारी खाना या बिना लहसुन-प्याज़ वाला खाना खाते हैं. इसी बात को ज़ोमैटे ने दूसरे ट्वीट में समझाने की कोशिश भी की है. 

ये मामला इतना बढ़ा कि कुछ लोग ट्विटर और फ़ेसबुक से उठ कर गूगल प्ले स्टोर पर पहुंच गए. वहां लग गए ज़ोमैटो की रेटिंग गिराने और कमेंट में जाकर जो गोबर लीपा है, उसकी तो पूछिए भी मत. 

दूसरी ओर वाले भी कम ख़ाली थोड़ी थे, वो अमित शुक्ला के पूराने ट्वीट खोद लाए. जिसमें वो मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन पर अश्लील टिप्पणियां कर रहे हैं. ज़्यादा खोजबीन हुई तो अमित शुक्ला अपने पूराने ट्वीट्स उड़ा कर ट्विटर से कट लिए. 

चूंकि ये बहस दो दिन से चल रही है तो कुछ लोग बोरियत से बचाने के लिए क्रिएटिविटी भी दिखाना लगे और ‘Just Cancelled My Order On Zomato…’ के फ़ॉर्मेट पर मज़ेदार पोस्ट बनाने लगे. आप इन झमेलों को छोड़ फ़नी पोस्ट्स को पढ़िए और हंसते हुए विदा लीजिए.