जम्मू-कश्मीर के रियासी ज़िले में चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल बन रहा है. ये पुल 15 अगस्त 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा. इसकी मदद से दिसंबर 2022 तक कश्मीर घाटी को पूरी तरह से ट्रेन सेवाओं से जोड़ दिया जाएगा.
बता दें कि चिनाब नदी पर बन रहे मेहराबदार पुल की लंबाई 1,315 मीटर, जबकि ऊंचाई 359 मीटर है. इस पुल की ऊंचाई एफिल टावर से अधिक है, एफिल टावर की ऊंचाई 324 मीटर है. ये पुल क़ुतुब मीनार से 5 गुना अधिक ऊंचा होगा.
क्या हैं इस पुल की विशेषताएं?
ये पुल भारी विस्फ़ोट और भूकंप के झटकों को झेलने में भी सक्षम होगा. इस पुल में इस तरह की सिग्नल प्रणाली लगी होगी जिससे कि ऊंचाई पर तेज़ हवाओं का ट्रेन पर कोई प्रभाव नहीं पड़े. ये पुल 260 किमी प्रति घंटे और माइनस 20 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान तक हवा की गति सहन कर सकता है. इस पर 100 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से ट्रेनें चल सकती हैं.
बताया जा रहा है कि क़रीब 27,949 करोड़ रुपये की इस परियोजना के तहत 161 किलोमीटर की लंबाई को मंजूरी मिली है. इस पुल को बनाने में 24,000 टन से अधिक स्टील इस्तेमाल किया जायेगा, जो अपने आप में एक इंजीनियरिंग चमत्कार होगा.
ये पुल बारामूला और श्रीनगर को उधमपुऱ-कटरा़-काजीगुंड के ज़रिए जम्मू से जोड़ेगा. इस दौरान ये पूरी यात्रा क़रीब 7 घंटे में तय की जाएगी. हालांकि, सुरक्षा चिंताओं जैसे विभिन्न मुद्दों की शिकार हुई इस महत्वाकांक्षी योजना के दिसंबर 2016 तक पूरा होने की संभावना थी, लेकिन ये तय समय से काफ़ी विलंब है.
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, ये दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल होगा. बीते 1 साल के दौरान पुल का निर्माण कार्य तेज़ कर दिया गया है. योजना के तहत दिसंबर 2022 तक कश्मीर घाटी को पूरी तरह से ट्रेन सेवाओं से जोड़ दिया जाएगा.