कोरोना वायरस से आज पूरा देश लड़ रहा है. हम अपने स्तर पर कई सावधानियां बरत रहे हैं. इसके अलावा हमने कोरोना वॉरियर्स के लिए तालियां बजाई, दिये जलाये, फूल बरसाये. कई लोगों ये सब करने का समर्थन किया और बढ़-चढ़कर इन एक्टिविटिज़ में हिस्सा लिया. यही नहीं, इनमें हिस्सा न लेने वालों और इन पर सवाल उठाने वालों का आड़े हाथों भी लिया गया.
कुछ घटनाएं जो साबित करती हैं कि डॉक्टर्स को हमने किस तरह नाक़ाम किया-
1. दिल्ली का कस्तूरबा गांधी अस्पताल
नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के कस्तूरबा गांधी अस्पताल के डॉक्टर्स को बीते 3 महीनों से सैलरी नहीं दी गई है. डॉक्टर्स ने चिट्ठी लिखकर कहा है कि अगर 16 जून तक उनको सैलरी नहीं मिलती है तो वो मास रेज़िग्नेशन देने पर मजबूर होंगे.
2. बिना छुट्टी के काम करते हुए थक चुके हैं बिहार के हेल्थकेयर प्रोफ़शनल
एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के सरकारी डॉक्टर्स, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ़ ने 3 महीनों से लगातार, बिना छुट्टी के काम करते हुए थक कर चूर हो जाने की बात कही. कोरोना वॉरियर्स घंटों तक PPE किट्स में काम करते हैं. बिहार के डॉक्टर्स की 30 जून तक सभी छुट्टियां कैंसल कर दी गई थीं. इंडियन मेडिकल एसोशिएशन के बिहार से सेक्रेटरी, सुनिल कुमार ने बताया कि डॉक्टर्स लॉकडाउन के बाद से ही बिना रुके मेडिकल प्रोफ़ेशनल्स काम कर रहे हैं. वो न अपना ख़्याल रख पा रहे हैं न अपने परिवार का.
3. तेलंगाना के गांधी अस्पताल के डॉक्टर पर हमला
हैदराबाद स्थित गांधी अस्पताल में एक मरीज़ की मौत के बाद उसके परिजनों ने एक ऑन-ड्यूटी डॉक्टर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया, अस्पताल में भी तोड़-फोड़ की. इसके बाद अस्पताल के कई डॉक्टर्स स्ट्राइक पर जाने पर मजबूर हो गये. डॉक्टर्स अपने लिए सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. डॉक्टर्स की मांग है कि अन्य राज्यों की तरह, कोविड19 मरीज़ों का इलाज भी दूसरे अस्पतालों में होना चाहिए. यहां के डॉक्टर्स का आरोप है कि वो 12-24 घंटे की शिफ़्ट कर रहे हैं और सरकार उनकी सहायता के लिए कुछ नहीं कर रही.
4. भगवान महावीर अस्पताल, दिल्ली के डॉक्टर्स के वेतन में कटौती
भगवान महावीर अस्पताल के 2 डॉक्टर्स की आइसोलेशन पीरियड की सैलरी काटने का वाक्या भी सामने आया.
5. अहमदाबाद के एसवीपी अस्पताल की नर्सों की सैलरी में कटौती
एक रिपोर्ट के अनुसार, अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के एसवीपी अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ़, पैरामेडिकल स्टाफ़, टेकनिशियन और गेस्ट-रिलेशन एक्ज़ेकेटिव को स्ट्राइक करनी पड़ी. बीते 2 जून को लगभग 350 मेडिकल स्टाफ़ के पास सैलरी कटने का मेल आया था. मेल के मुताबिक़ जून से, जिन्हें 30 हज़ार मिलते थे, उन्हें 22 हज़ार और जिन्हें 20 हज़ार मिलते थे उन्हें 14 हज़ार सैलरी मिलेगी.
24 घंटे बिना किसी नि:स्वार्थ सेवा कर रहे डॉक्टर्स के साथ इस तरह का व्यवहार निंदनीय है.