केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली बॉर्डर पर किसान पिछले 2 महीने से ज़्यादा समय से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान सरकार और किसानों के बीच 11 राउंड की वार्ता बेनतीजा निकली है. New Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार और किसानों के बीच अगले दौर की बातचीत 2 फ़रवरी को होगी.
हालांकि, विरोध अभी भी जारी है. दिल्ली बॉर्डर पर सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने ब्रिगेडियर होशियाश सिंह, बहादुरगढ़ सिटी, पंडित श्रीराम शर्मा और टिकरी बॉर्डर मेट्रो स्टेशन के गेट बंद कर दिए हैं.
इस बीच संसद में भी कृषि क़ानूनों के विरोध का असर देखने को मिला है. किसान आंदोलन का समर्थन और तीनों कृषि क़ानूनों का विरोध करने के लिए आज कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल और गुरजीत सिंह अजुला काले गाउन पहनकर संसद में आए.
Delhi: Congress MPs Jasbir Singh Gill and Gurjeet Singh Aujla wear a black gown to the Parliament, as a mark of their protest against the three #FarmLaws pic.twitter.com/OjzM22zOCW
— ANI (@ANI) February 1, 2021
बता दें, गणतंत्र दिवस पर ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद स्थानीय प्रशासन ने लोगों को स्थान ख़ाली करने को कहा था, जिसके बाद भीड़ कुछ कम नज़र आ रही थी. ऐसा लग रहा था कि अब आंदोलन ज़्यादा समय टिक नहीं पाएगा. लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं ने एक बार फिर आंदोलन को मज़बूत कर दिया.
किसानों की महापंचायत के बाद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे हैं. हरियाणा और राजस्थान के जिलों के किसान भी यहां पहुंचे हैं. आंदोलनकारी किसान संगठनों के नेताओं ने दावा किया है कि प्रदर्शनकारी फिर पंजाब और हरियाणा से सिंघू तथा टिकरी बॉर्डर पर लौट रहे हैं.
इस बीच सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों को उनकी सरकार की ओर से दिया गया प्रस्ताव ‘अब भी बरक़रार’ है और बातचीत में सिर्फ़ एक फ़ोन कॉल की दूरी है. वहीं, बातचीत के ज़रिए समाधान निकालने के पीएम के बयान पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे टिकैत बंधुओं राकेश और नरेश टिकैत ने कहा कि किसान, प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे, लेकिन वे आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं.