गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस, ये ऐसे मौके हैं जब सभी देशवासी देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत होते हैं. इसे मनाने के लिए हर कोई अपने घर पर राष्ट्रध्वज यानी कि तिरंगा फहराते हैं. मगर अगले दिन सड़कों और गलियों में हज़ारों तिरंगे झंडे इधर-उधर बिखरे हुए नज़र आते हैं. अपने राष्ट्रीय ध्वज का ये हाल देख कर दिल दुखी हो जाता है.
इनमें से अधिकतर तिरंगे प्लास्टिक के बने होते हैं. लोगों को पता नहीं होता कि इनके साथ क्या करना चाहिए. आम लोगों की इसी परेशानी का हल ख़ुशियां फ़ाउंडेशन ने निकाला है.

ये संस्था पिछले 3 सालों से अपनी सेव द फ़्लैग मुहीम के तहत ऐसे तिरंगे झंडे तैयार कर रही है, जो बीजों से बने होते हैं. इन्हें आप अपने घर में फहराने के बाद अगले दिन अपने गार्डन या फिर गमलों में लगा सकते हैं. कुछ दिनों बाद ये पौधे के रूप में उगकर आपके घर की शोभा बढ़ाते हैं.

बीजों वाला ये तिरंगा झंडा गेंदे, तुलसी और तुलसी के बीजों से बनाया जाता है. इसकी कीमत भी बहुत कम है मात्र 20 रुपये. अब तक ये संस्था तकरीबन 20 हज़ार झंडे बेच चुकी है. इसका मतलब इस गणतंत्र दिवस के अगले दिन इतने ही पौधे देश की आबो-हवा को महकाएंगे.
3 x 2 इंच के इस तिरंगे झंडे को इस नंबर पर 9769181218 व्हॉट्सअप कर ऑर्डर कर सकेत हैं. अधिक जानकारी के लिए आप ये वीडियो देख सकते हैं.
यही नहीं Save The Flag मुहिम चलाने वाली इस संस्था के वॉलंटियर हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के बाद गलियों से प्लास्टिक के झंडे भी उठाने निकलती है.
इस बारे में संस्था के सचिव और बीच वॉरियर्स के संस्थापक चीनू क्वात्रा ने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमारी ये पहल इतनी बड़ी हो जाएगी. पर्यावरण और देशभक्ति अगर दोनों साथ-साथ चलें, तो देश के लिए इसे बेहतर बात क्या होगी.

इस मुहीम की जितनी तारीफ़ की जाए, कम है. ये हमें देशभक्ती करना और प्रैक्टिल होना, दोनों साथ-साथ सीखाती है. ख़ुशियां फ़ाउंडेशन को हमारा तहे दिल से सलाम!