गुजरात के सूरत में हाईस्कूल में पढ़ने वाली दो लड़कियों वैदेही वेकारिया और राधिका लखानी ने अंतरिक्ष में एक ऐस्टरॉइड की खोज की है, जिसे नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने HLV2514 नाम दिया है. कुछ सालों में ही ये पृथ्वी के क़रीब से गुज़र सकता है, नासा ने इस खोज की पुष्टि की है.    

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वैदेही और राधिका दो महीने से एक साइंस प्रोग्राम ऑल इंडिया ऐस्टरॉइड सर्च कैम्पेन 2020 (AIASC) का हिस्सा रहीं और इस ऐस्टरॉइड को खोज निकाला. ये प्रोग्राम अन्तर्राष्ट्रीय खगोलीय खोज सहयोग (IASC) और टेक्सास के हार्डिन सीमन्स विश्वविद्यालय के सहयोग से स्पेस इंडिया द्वारा संचालित किया गया था.  

दोनों ही लड़कियां सूरत के पीपी सावनी चैतन्य विद्या संकुल की छात्रा हैं और एक अंतरराष्ट्रीय अभियान के लिए संयुक्त रूप से काम कर रही हैं. स्टडी के दौरान उन्होंने मंगल ग्रह के पास ऐस्टरॉइड की खोज की. कार्यक्रम के आयोजक स्पेस इंडिया ने इस खोज की सफ़लता के बारे में बताया. रिपोर्ट्स के मुताबिक़, नासा ने भी इस खोज की पुष्टि की है.   

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बताया गया कि दोनों स्कूली छात्राओं ने ऐस्टरॉइड की तस्वीरों को लेने के लिए हवाई में Pan STARRS ( Panoramic Survey Telescope & Rapid Response System) एडवांस टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया है.   

दोनों ने Times of India को बताया कि, ‘हमने स्पेस में क]रीब 20 ऑब्जेक्ट्स को चिह्नित किया था, जिसमें से ये एक लकी निकला. हमने इसे एक रैंडम नाम दिया है और नासा द्वारा इसका ऑर्बिट कंफ़र्म हो जाने पर हमें इस ऐस्टरॉइड का नाम भी रखने को मिलेगा. हालांकि, इसमें कुछ साल का वक्त लग सकता है.’  

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स्पेस इंडिया ने खोज को लेकर फ़ेसबुक पर अलर्ट पोस्ट किया. उसमें कहा गया कि, ‘हमें ये एलान करते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि सूरत की दो लड़कियों ने स्पेस-ऑल इंडिया ऐस्टरॉइड सर्च कैम्पेन की मदद से एक ऐस्टरॉइड को खोज निकाला है, जो पृथ्वी के ऑर्बिट के क़रीब है.’