32 साल का एक शख़्स 81 साल के बुज़ुर्ग के गेटअप में न्यूयॉर्क जाने की फ़िराक़ में था. लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट पर CISF की टीम ने उसे धर दबोचा. आरोपी का नाम जयेश पटेल है और वो अहमदाबाद का रहने वाला है.

जयेश ने 81 साल के बुज़ुर्ग के गेटअप में इमिग्रेशन क्लियरेंस भी ले लिया था. लेकिन टर्मिनल-3 पर फ़ाइनल सुरक्षा जांच के दौरान सीआईएसएफ़ के एसआई राजवीर सिंह ने उसे व्हीलचेयर से उठने के लिए कहा तो जयेश ने इनकार कर दिया. इस दौरान जब वो भेद खुल जाने के डर से लगातार ख़ुद को बुज़ुर्ग साबित करने और नज़रें बचाने की कोशिश करने लगा.

इसके बाद एसआई ने उसका पासपोर्ट देखा तो उसमें डेट ऑफ़ बर्थ 1 फ़रवरी 1938 थी. जब राजवीर सिंह ने उसे ध्यान से देखा तो स्किन देखकर वो 81 साल का लग नहीं रहा था. हाव भाव से भी वो बुज़ुर्ग सा नहीं लग रहा था. इसके बाद राजवीर को जयेश पर शक होने लगा. सख्ती से पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया. इसके बाद पता चला कि वो 81 साल का बुज़ुर्ग नहीं बल्कि 32 साल युवा का है.

सीआईएसएफ़ ने बताया कि, पकड़ा गया जयेश 81 साल के बुज़ुर्ग अमरीक सिंह के नाम पर न्यूयॉर्क जा रहा था. उसने ख़ुद को बूढ़ा दिखाने के लिए अपने बाल और दाढ़ी-मूछें सफ़ेद रंग से रंग ली थीं. जयेश जीरो नंबर का चश्मा पहनकर व्हीलचेयर पर बैठा था.

32 वर्षीय जयेश पटेल 81 साल के बुज़ुर्ग अमरीक सिंह के नाम से नकली पासपोर्ट के ज़रिये अमेरिका जाने की फ़िराक़ में था. लेकिन सीआईएसएफ़ ने उसे गिरफ़्तार कर दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया.