कोरोना वायरस को रोकने के लिए दुनिया के ज़्यादातर देशों में लॉकडाउन है. सब घरों में बंद है, किसी के पास कोई काम नहीं है. शुरुआत में तो सबको बड़ी मौज आई. न ऑफ़िस और न ही कोई बाहर का काम. मम्मी गेहूं पिसाने चक्की पर भी नहीं भेज रहीं, कहीं उनका लाल कोरोना के जाल में न फंस जाए. लेकिन खलिहरपंती की भी एक सीमा होती है, आख़िर कब तक पूरे घर में यूं ही लोटते रहें. तो बस, जैसे आवश्यकता अविष्कार की जननी होती है, वैसे ही बेकारी भी जबर कलाकारी पैदा करती है. 

अब तक आपने बालकनी कॉनसर्ट और वर्चुअल पार्टीज़ के बारे में तो सुना होगा, लेकिन अब जानिए 23 साल के इंजीनियरिंग स्टूडेंड के बारे में, जिसने मतलब हद ही मचा दी. भाई ने लॉकडाउन के बीच टाइम पास करने के लिए ऐसा प्रयोग कर डाला, जिसने न्यूटन की आत्मा को भी बेचैन कर डाला. बेचारा स्वर्ग में बैठा-बैठा सोच रहा है कि अगर पेड़ से गिरा सेब अब भी उसके पास होता तो वहीं से खींचकर मारता. मगर गुरू अब एक्सपेरिमेंट करने के लिए सेब का ज़माना गया, अब तो लॉलीपॉप पर रिसर्च होती है. 

freepik

दरअसल, इंग्लैंड के चेस्टर के रहने वाले James Hunt क़रीब दो घंटे तक एक लॉलीपॉप को चाटते रहे, सिर्फ़ ये पता लगाने के लिए कि आख़िरकार एक लॉलीपॉप कितने लिक पर ख़त्म होती है. वो लगातार strawberry Chupa Chups lolly को लिक करता रहा, जब तक उसके हाथ में खाली डंडी नहीं बची. उसने इस काम के लिए 250 लिक का लक्ष्य तय किया था, हालांकि, वो 500 तक पहुंच गया और फिर ज़ुबान में तकलीफ़ होना शुरू हुई. 

उसने बताया कि आमतौर पर लोग इसे चूसना पंसद करते हैं, इसलिए आपको बहुत अधिक लार मिलती है लेकिन इतना स्टेमिना नहीं था इसलिए लिक करना शुरू कर दिया और 500 लिक के बाद दर्द होना शुरू हो गया. 

kindpng

बता दें, इसके बावजूद भी उसने हार नहीं मानी. काहे कि ऐसे बड़े-बड़े प्रयोगों में ऐसी छोटी-मोटी परेशानियां तो सामने आती ही रहती हैं, तो भाई लगा रहा. क़रीब 1447 लिक के बाद आखिरकार लॉलीपॉप ने हार मान ली और जेम्स ने मानव इतिहास का सबसे बड़ा एक्सपेरिमेंट कम्प्लीट कर दिया.