किसी भी शख़्स में पर्यावरण का ऐसा जुनून पहली बार देखने को मिला है. 38 हज़ार से भी अधिक पेड़ लगाने वाले तमिलनाडु के बस कंडक्टर योगनाथन का नाम, अब सीबीएसई की पांचवीं क्लास की किताब में शामिल किया जाएगा. मरुधामलाई से गांधीपुरम के बीच बस नंबर 70 के कंडक्टर और पर्यावरण प्रेमी योगनाथन तमिलनाडु स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन में पिछले 18 सालों से काम कर रहे हैं.

सीबीएसई की किताब में योगनाथन का ज़िक्र करते हुए बताया गया है, ‘योगनाथन तमिलनाडु के ऐसे कंडक्टर हैं, जिन्होंने बीते 28 साल में अकेले 38 हज़ार से अधिक पेड़ लगाए हैं. साथ ही योगनाथन ने वन्य जीवन को बचाने और युवाओं में इनके पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सराहनीय कदम उठाया है’.

वहीं टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बातचीत के दौरान योगनाथन ने बताया, ‘मैं नागापट्टीनम के पास मयिलादुथराई का रहने वाला हूं. स्कूल ख़त्म होने के बाद मैंने नीलगीरी में कुछ दिन काम किया था. मैं नीलगीरी की ख़ूबसूरती देख कर काफ़ी आश्चर्य में पड़ गया था. मैनें यहां होने वाली पेड़ों की तस्करी का विरोध भी किया था. इसी तरह के कुछ और मामलों ने मेरे अंदर पर्यावरण संरक्षण की भावना जागृत कर दी.’

पर्यावरण के प्रति योगनाथन का प्रेम देखकर, तमिलनाडु ग्रीन मूवमेंट के जयाचंद्रन ने भी उनका सहयोग किया. पहले योगनाथ चाय के बगानों में काम करते थे, फिर राज्य परिवहन निगम में कंडक्टर के तौर पर उनका सेलेक्शन हो गया और वो कोयंबटूर आ गए. वहीं कंडक्टर की नौकरी लगने के बाद उन्होेंने पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना नहीं छोड़ा.

योगनाथन पेड़-पौधे और वन्य जीव की सुरक्षा का काम तो करते ही, साथ ही वो पर्यावरण को लेकर युवाओं को जागरूक करने का काम भी करते हैं. योगनाथन बताते हैं. ‘मैं कई यूनिवर्सिटीज़ और कॉलेज में कॉन्फ़्रेंस के लिए गया हूं. गेस्ट लेक्चर के तौर पर मैं छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के बारे में जानकारी देने की कोशिश करता हूं.’