नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसा में पिछले तीन दिनों से उत्तर-पूर्वी दिल्ली में जारी हिंसा में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं. 

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हिंसा का सबसे ज़्यादा असर स्कूली बच्चों, महिलाओं और कामकाजी लोगों पर पड़ा है. हिंसा के चलते लोगों का लोग घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है. हिंसा प्रभावित इलाकों में जिन लोगों की दुकानें थीं उन्हें प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दी. अब इन लोगों के पास गुज़ारे का कोई साधन नहीं है इस दौरान कई लोग बेघर भी हो गए हैं. 

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इसके बाद बीती रात दिल्ली हिंसा में बेघर हुए लोगों के लिए नॉर्थ दिल्ली के एक गुरुद्वारे ने अपने दरवाज़े खोल दिए. गुरुद्वारा प्रबंधक के मुताबिक़, मददगार चाहे किसी भी धर्म का क्यों न हो उसे खाने-पीने और रहने के लिए छत दी जाएगी. 

इसके बाद सोशल मीडिया पर भी कई लोग गुरुद्वारे की इस पहल को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की. ताकि ज़रूरतमंदों को रात बिताने के लिए छत मिल सके. 

इस कड़ी में राइटर निलंजना रॉय ने ट्वीट कर जानकारी दी कि नॉर्थ दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में स्थित एक गुरुद्वारे ने दिल्ली हिंसा में बेघर हुए लोगों को खाने-पीने और रहने के लिए छत देने की बात कही है. 

जानकारी दे दें कि पिछले तीन दिनों से उत्तर-पूर्वी दिल्ली के खजूरी, चांदबाग, मुस्तफ़ाबाद, मौजपुर, बाबरपुर तक पहुंच चुकी है. इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर कर पत्थरबाजी व गोलीबारी के ज़रिए CAA का विरोध कर रहे हैं. 

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दिल्ली में जारी हिंसा के बीच पुलिस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी है. जबकि सीलमपुर इलाके में 1 महीने के लिए धारा-144 लागू लागू कर दी गई है. 

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