तंत्र-मंत्र और जादू-टोने की कहानियां सिर्फ़ फ़िल्मों और टीवी सीरियल्स में ही देखने को नहीं मिलती, बल्कि रियल लाइफ़ में भी होती हैं. इसका जीता-जागता उदाहरण बिहार का सरकारी अस्तपाल है. जहां मरीज़ का इलाज डॉक्टर्स नहीं, बल्कि तांत्रिक और ओझा कर रहे हैं.
मन को हैरान और परेशान कर देने वाला ये किस्सा वैशाली जिले का है. तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि हाजीपुर के गर्वमेंट हॉस्पिटल में मरीज बेड पर है, लेकिन उसके इलाज के लिए डॉक्टर की दवा नहीं, बल्कि काले जादू का सहारा लिया जा रहा है.
मामले पर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यहां के डॉक्टर्स भी तांत्रिकों के खिलाफ़ नहीं जाते हैं, क्योंकि उन्हें उनसे लड़ने में डर लगता है. वहीं डॉक्टर्स कहते हैं कि रोगियों के घरवाले ख़ुद इन बाबाओं को साथ लाते हैं और घंटों तक ये ड्रामा चलता है.
क्या है मामला?
फ़ोटो में अस्पताल के बेड पर पड़ी महिला वैशाली के महनार क्षेत्र की है, जिसे सांप ने काट लिया था. इसके बाद उसके परिवारवाले उपचार के लिए उसे अस्पताल तो ले लाये, लेकिन ये इलाज डाक्टर नहीं, बल्कि तांत्रिक ने किया. यही नहीं, तांत्रिक का दावा का है कि उसके तंत्र-मंत्र से महिला पूरी तरह ठीक हो गई.
हांलाकि, ये साफ़ नहीं है कि सरकारी अस्पताल का ये इकलौता ऐसा केस है या फिर ये सब वहां आम है. अाज के हाईटेक दौर में, जहां विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है, इस तरह की ख़बरें विचलित करती हैं.
वैसे भी बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर शेलटर होम रेप की चीखें अभी तक थमी नहीं हैं, ये एक और चौंकाने वाली खबर आ गयी.
Source : Indiatoday