साल 2017 में केरल के कोल्लम में एक 13 साल की बच्ची के साथ रेप का मामला सामने आया था. रेप के बाद आरोपी सउदी अरब भाग गया था. केरल पुलिस की एक टीम आरोपी को लेकर बुधवार सुबह ही रियाद से भारत लौटी है.  

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आरोपी का नाम सुनील कुमार भद्रन है. 2 साल पहले जब आरोपी छुट्टियां मनाने केरल आया था, तो उस वक़्त उसने ये घिनौनी हरकत की थी. आरोपी सुनील ने पहले बच्ची के चाचा से दोस्ती की फिर इस घटना को अंजाम दिया.  

इस दर्दनाक घटना के बारे में तब पता चला जब पीड़िता ने अपनी सहपाठी को आपबीती सुनाई. जब तक परिवार को इसके बारे में पता चलता आरोपी सुनील सउदी अरब भाग गया.  

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पीड़िता का परिवार इतना सक्षम नहीं था कि बच्ची को न्याय दिला सके. इसलिए पीड़िता को ‘गवर्मेंट केयर सेंटर’ भेज दिया गया, जहां कुछ समय बाद बच्ची ने फ़ांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इसके कुछ महीने बाद ही पीड़िता के चाचा ने भी आत्महत्या कर ली.  

इसके बाद गैर सरकारी संगठन ‘चाइल्डलाइन’ की सूचना पर आरोपी के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), पॉक्सो अधिनियम और अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया.  

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इसके बाद कोल्लम पुलिस आयुक्त मेरिन जोसेफ़ ने इस केस की नए सिरे से जांच शुरू की. पीड़िता की मौत के बावजूद उन्होंने उस मासूम बच्ची को न्याय दिलाने की ठान ली थी. मेरिन ने इस मामले को बेहद संजीदगी से लिया. जांच की हर बाधा को पार करते हुए वो सउदी अरब तक जा पहुंची.  

इस केस में तमाम तरह की मुश्किलों के बावजूद मेरिन ने दिखा दिया कि कोई भी मामला मुश्किल नहीं होता. बस हमें ईमानदारी से अपनी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए. मेरिन जोसेफ़ देश के उन पुलिस अधिकारियों के लिए सीख हैं जो इस तरह के गंभीर मामलों को संजीदगी से नहीं लेते.   

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अगर इस देश में मेरिन जोसेफ़ जैसी पुलिस अधिकारी मौजूद रहेंगी तो कोई भी अपराधी गुनाह करने से पहले 10 बार सोचेगा. मेरिन ने अपनी प्रशासनिक क्षमता का परिचय देते हुए अपराधियों के मन में डर ज़रूर पैदा कर दिया है.  

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मेरिन जोसेफ ने कहा कि ‘केरल पुलिस के अनुरोध पर इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया. इसके बाद रियाद के ‘राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो’ को एक अनुरोध पत्र भेजा गया. इसी के आधार पर बाद टाइल वर्कर के तौर पर काम करने वाले आरोपी सुनील को गिरफ़्तार किया गया.