अगर किसी कारणवश कहीं हमारे एक्स्ट्रा पैसे काट लिए जाते हैं, तो हम नज़रअंदाज़ कर देते हैं, ये कहकर कि 10-20 ही तो काटे हैं.
अब एक और जागरूक व्यक्ति की कहानी आई है, राजस्थान के कोटा से. कोटा के इंजीनियर सुजीत स्वामी ने भारतीय रेल से अप्रैल 2017 में टिकट करवाया था, जीएसटी लागू होने से पहले. जुलाई में जीएसटी लागू होने के 1 दिन पहले उन्होंने अपना टिकट कैंसल करा लिया क्योंकि उनकी टिकट वेटिंग में थी.
सुजीत ने आरटीआई की, जिसमें उन्हें पता चला कि अतिरिक्त 35 रुपए जीएसटी के नाम पर काटे गए जबकी जीएसटी लागू होने से पहले उन्होंने टिकट कैंसल किया था.
मैं 2017 से ही केस का Follow Up ले रहा था पर मुझे रेलवे से सिर्फ़ आश्वासन मिल रहा था.
-सुजीत स्वामी
भारतीय रेल ने सुजीत के आरटीआई का जवाब दिया,
1 मई 2019 को सुजीत के बैंक खाते में 33 रुपए आए. NDTV की रिपोर्ट के अनुसार सुजीत ने कहा,
मैं आरटीआई द्वारा ही पूरे मामले पर नज़र रख रहा था. ये बहुत लंबी लड़ाई थी. दिसंबर 2018 से अप्रैल तक मेरे आरटीआई 10 बार अलग-अलग डिपार्टमेंट में ट्रांसफ़र किए गए. आख़िरकार मुझे 33 रुपए मिले.
सुजीत का कहना है कि उनको जो परेशानी उठानी पड़ी उसके लिए भारतीय रेल ने कोई Compensation नहीं दिया और उल्टे 2 रुपए काट लिए.
सिर्फ़ सुजीत ही इससे परेशान नहीं हुए हैं. सुजीत द्वारा किए गए अन्य आरटीआई में पता चला कि 9 लाख पैसेंजर ने जीएसटी लागू होने से पहले टिकट बुक किए थे और 1 से 11 जुलाई के बीच कैंसल किए. इन यात्रियों से कुल 3.34 करोड़ सर्विस टैक्स चार्ज किया गया. इसके बारे में ज़्यादातर को या तो पता नहीं होगा या फिर लोग भूल गए होंगे.