कूड़े में समाज है या ये समाज ही कूड़ा है, समझना मुश्क़िल है. ‘हम भारत के लोग’ में एक ‘भारत’ है जो आत्मिनर्भर बनने निकल पड़ा है और ‘लोग’ हैं, जो इसके सहारे 21वीं सदी को मुट्ठी में करना चाहते हैं. इन सबके बीच ‘हम’ कहां हैं, क्या आप जानते हैं? हम कूड़े के ढेर में हैं. डरे, सहमे, भीगे और कुछ पागल से कूड़े के ढेर में बैठे ख़ुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. बिल्कुल इस शख़्स की तरह.
दरअसल, 20 मई को बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफ़ान ‘अम्फ़न’ ने तबाही मचाना शुरू किया. भारत में बंगाल और ओडिशा पर ये सबसे ज़्यादा क़हर बरपा रहा है. हज़ारों घर, गाड़ियां तबाह हो गईं, साथ ही कई ज़िंदगियां हमेशा के लिए ख़त्म. भयानक तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट पर हर जगह सर्कुलट हो रहे हैं. उसमें से एक तस्वीर ये भी है.
पश्चिम बंगाल के आसनसोल में एक शख़्स जो ख़ुद को तूफ़ान से बचाने के लिए एक कूड़े के डिब्बे में छिप गया है. स्थानीय लोगों के मुताबिक़, 21 मई को वो इधर-उधर खाने की तलाश में भटक रहा था, जब तूफ़ान आया तो उसने बचने के लिए कूड़े के ढेर में पनाह ले ली. आसपास से गुज़र रहे लोगों की उस पर नज़र पड़ी तो वो अंदर ही एक कुत्ते के साथ बैठा हुआ था. सुत्रों के मुताबिक़, ये शख़्स मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है.
#INDIA: Man in West Bengal’s Asansol takes shelter from #CycloneAmphan in a garbage bin! Was discovered by locals this morning as he was eating the food thrown in the bin alongside a dog. pic.twitter.com/1Yi6QRrpSC
— Norbret Elekes (@NorbretElekes) May 21, 2020
कहने को तो ये महज़ एक तस्वीर ही है, लेकिन हमारे देश की व्यवस्था कितने उम्दा ढंग से काम कर रही है, उसका जीता जागता उदाहरण है. हमें यूं तो जानते ही हैं कि हमारी असल जगह कहां है, और जब कोई बड़ी आपदा आती है, तो हमें उस सही जगह पर पहुंचा भी दिया जाता है.
कोरोना महामारी ने इस देश के लाखों मज़दूरों को यही तो बताने का काम किया है. जिन शहरों को बनाने के लिए उन्होंने ख़ुद को गला दिया, उनके रास्तों पर कुछ दिन का ठांव भी नसीब नहीं हुआ. जिन हथेलियों ने ऊंची इमारतों को मज़बूती दी, उनके नीचे छांव तक लेने का इन्हें हक नहीं है. एक पल में उनका सबकुछ उजड़ गया. ऐसे में प्रवासी मज़दूरों के पास वापस घर लौटने के अलावा कोई चारा नहीं बचा.
पैदल, साइकिल, ऑटो, ट्रक पर सवार ये मज़दूर भूखे-प्यासे सफ़र कर रहे हैं. गलती से कहीं आंख लगी तो फिर नींद खुलने की कोई गारंटी नहीं है. ये बेसहारा बेसुध चले जा रहे हैं. पुलिस लाठी के सहारे इन्हें भेड़-बकरियों की तरह हाक रही है. बस तसल्ली ये है कि इनके मौत के आंकड़े लगातार अपडेट हो रहे हैं. देश न सही तो कागज़ ही सही, पर शुक्र है इनका नाम कहीं तो दर्ज होगा.
#WATCH: PM Narendra Modi conducts aerial survey of areas affected by #CycloneAmphan in West Bengal. CM Mamata Banerjee is also accompanying. pic.twitter.com/Da7NebJhws
— ANI (@ANI) May 22, 2020
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल में चक्रवाती तूफ़ान अम्फन से प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया. इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थीं. फ़िलहाल इस तूफ़ान से अब तक 70 से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं.