देश के सबसे बड़े त्यौहार का आगाज़ हो चुका है. 23 मई को अगले 5 साल के लिए जनता की क़िस्मत का नतीजा आएगा.
Indian Express कि एक रिपोर्ट के अनुसार, मनोज शिक्षा विभाग में चिट्ठियां पढ़ने और उन्हें अलग-अलग डिपार्टमेंट में आगे बढ़ाने का काम करते थे. मनोज सार्वजनिक स्थानों पर EVM सेट-अप करके मतदान से जुड़े मिथकों को दूर करने की कोशिश करते हैं और लोगों को मतदान करने के लिए प्रेरित करते हैं.
Indian Express से बातचीत में मनोज ने बताया,
मशीन को सेटअप करना आसान था. 3 घंटे में पेपर रोल ख़त्म होता है और उसे बदलना पड़ता है. कई बार सिस्टम रिस्टार्ट करना पड़ता है, पर मुझे ये सब करना आ रहा है.
-मनोज कुमार
मनोज अपना काम संयम से करते हैं. उन्होंने बताया,
कई लोग मुझसे कहीं का पता पूछते हैं. ज़्यादातर लोग EVM का इस्तेमाल करने में शर्माते और डरते हैं.
-मनोज कुमार
मनोज हर आने-जाने वाले से EVM का इस्तेमाल करने का आग्रह करते हैं. कुछ लोग EVM में Touchscreen ढूंढते हैं तो कुछ लोग मनोज की पीठ थपथपाते हैं. कुछ बंदे सेल्फ़ी लेने का भी आग्रह करते हैं.