आसमान कितना ही ऊंचा क्यों न हो मगर हौसलो की पहुंच से बाहर नहीं होता. बस ज़रूरी है पानी की तरह लगातार बहते रहना, फिर देखते ही देखते बड़े-बड़े पहाड़ टूट जाते हैं. मिज़ोरम के रहने वाले लेफ़्टिंनेंट Lalhmachhuana इस बात की जीती-जागती मिसाल हैं.   

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हाल ही, भारतीय सेना अकादमी (आईएमए) की पासिंग आउट परेड हुई. कई नौजवान भारतीय सेना की अलग-अलग रेजिमेंट्स में अफ़सर बने. उनमें एक नाम Lt. Lalhmachhuana का भी है, जो भारतीय सेना की प्रतिष्ठित आर्टिलरी रेजिमेंट में अधिकारी बने हैं. ख़ास बात ये है कि उनकी हाइट बहुत कम है और भारतीय सशस्त्र बलों में उनके शारीरिक क़द का अधिकारी दुर्लभ है. ऐसे में उनका भारतीय सेना में अधिकारी बनना बहुत से नौजवानों को प्रेरित कर रहा है.  

उनकी इस उपलब्धि ने मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा का ध्यान भी अपनी ओर खींचा. सीएम ज़ोरामथांगा ने ट्वीट किया, ‘मिजोरम को गर्व है अपने खुद के Lt. Lalhmachhuana पर, जो उत्तर रामहलुन में रहने वाले Lalsangvela के बेटे हैं. Lt. Lalhmachhuana को भारतीय सेना की प्रतिष्ठित आर्टिलरी रेजिमेंट में अधिकारी बनाया गया है.’   

सीएम ज़ोरमथांगा ने देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं, जिनमें युवा मिज़ो गर्व से साथी अधिकारियों के साथ कैमरे के लिए पोज़ देते देखे जा सकते हैं.  

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हालांकि, Lt. Lalhmachhuana जो कि अनुसूचित जनजाति श्रेणी से आते हैं, उनकी असल लंबाई के बारे में फ़िलहाल जानकारी नहीं है. Newindianexpress की रिपोर्ट के मुताबिक़, ‘एक अधिकारी के रूप में भारतीय सशस्त्र बलों में प्रवेश के लिए न्यूनतम ऊंचाई की आवश्यकता 157 सेमी (5.15 फ़ुट) है. हालांकि, पूर्वोत्तर, असमिया, गोरखाओं और अन्य आदिवासियों के लिए छूट है. इस श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए स्वीकार्य न्यूनतम ऊंचाई 152 सेमी (4.9 फ़ुट) है.’  

सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी सराहना की और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं.  

निश्चित तौर पर Lt. Lalhmachhuana उत्तर पूर्वी राज्यों के हज़ारों-हज़ार नौजवानों की प्रेरणा बनेंगे, जो भारतीय सशस्त्र बलों में जाकर देशसेवा करना चाहते हैं.