एक A.C. ट्रेन, आॅटोमैटिक दरवाज़े, आरामदायक कुर्सियां, छत और दोनों तरफ़ लगे कांच के शीशे और बाहर ख़ूबसूरत नज़ारा. अगर ये सब सुन कर आपके दिमाग में मेट्रो की छवि बन रही है, तो रुक जाइए! यहां किसी मेट्रो की नहीं, बल्कि भारतीय रेल की बात हो रही है.
अगर आपने कभी भी विशाखापत्तनम और अराकू के बीच सफ़र किया है, तो आप जानते होंगे कि ये रास्ते कितना ख़ूबसूरत है. बीते रविवार को रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इस ख़ूबसूरत अनुभव को और बेहतर करने के लिए यहां की ट्रेनों में विस्टाडोम कोच लगाए जाने का ऐलान किया.
Glad to share pictures of new vistadome coaches having features like glass roofs,LED lights,rotatable seats,GPS based info system etc pic.twitter.com/KrQHlC2brO
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) April 16, 2017
रेलमंत्री ने इन कोचों की तस्वीरें ट्वीट कर जानकारी दी कि आने वाले गुरुवार को इनका टेस्ट रन होगा.
क्या है खास इस ट्रेन में?
आपकी रेल यात्रा का अनुभव दोगुना करने के लिए इसमें बाहरी नज़ारों के लिए खास ग्लास रूफ़ और वॉल हैं. ए.सी. कोच संग LED लाइट, घूमने वाली आरामदायक कुर्सियां, आॅटोमैटिक स्लाइडिंग दरवाज़े और सामान रखने के लिए मल्टीलेवल रैक.
Vistadome coaches have glass roof with electrically controlled opalescence,can be made transparent to enable outside view pic.twitter.com/R4H2iD7dF5
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) April 16, 2017
Economic Times की रिपोर्ट अनुसार, इन चार कोचों को बनाने में कुल ख़र्चा चार करोड़ रुपये आया है.
अगर ये ट्राइल रन सफ़ल रहा, तो भारतीय रेल के लिए ये एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट रहेगा. वैसे प्रभु ने पहले भी महिला सुरक्षा ऐप्प, बायो टॉयलेट्स, फ्री WiFi, नेत्रहीन लोगों के लिए ब्रेल साइन वाले कोच पर सफ़लता पूर्वक कार्य किया है.