अभी भारत-पाक का मसला बहुत उठ रहा है. तमाम तरह की बातचीत और मीडिया में आई खबरों के बाद दोनों तरफ़ से रह-रह कर गोलीबारी हो रही है. सुबह उठते ही लोग टीवी चलाकर खबरों पर बस भारत-पाकिस्तान के बारे में ही खबरें देखने की उम्मीद रख रहे हैं. अजी रखें भी क्यों ना. मामला है ही इतना गंभीर. सीज़फायर का उल्लंघन हो रहा है. अभी-अभी आये एक समाचार के अनुसार ये बात सामने आई है कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के साथ लगती नियंत्रण रेखा पर सर्जिकल स्टाइक की है. और वहीं पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि ये कार्रवाई मात्र गोलीबारी तक ही सीमित है.
अब इस सबके बाद बात आती है न्यूक्लियर बम की. हालांकि अभी मात्र ये एक कल्पना है. पर इस कल्पना का रूप बड़ा ही भयानक है. विश्व में कोई कोना ऐसा नहीं है, जहां टकराव की स्थिती न हो. शांति बरकरार रखने के लिए बहुत अशांत दौर से गुजरना पड़ता है. एक वेबसाइट जिसका नाम है nukemap, बताती है कि गर न्यूक्लियर बम गिरा, तो कितनी जाने जायेंगी और कितने लोग ज़ख्मी होंगे.
फिलहाल हालात देखते हुए ऐसी वेबसाइट्स बनती जा रही हैं. वास्तविकता आप भी जानते हैं और हम भी. इसीलिए अपने विवेक से काम लें. हमारा काम यहां किसी भी तरह की नफ़रत और अशांति फैलाना नहीं है.
अगर सीरिया की राजधानी दमिश्क पर न्यूक्लियर बम गिरा तो…
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2016/09/57ece41c19867e6f97a503ac_341047458.gif)
अगर पाकिस्तान के इस्लामाबाद पर न्यूक्लियर बम गिरा तो…
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2016/09/57ece41c19867e6f97a503ac_273826663.gif)
अगर भारत की राजधानी नई दिल्ली पर न्यूक्लियर बम गिरा तो…
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2016/09/57ece41c19867e6f97a503ac_968084372.gif)
अगर अमेरिका के न्यूयॉर्क पर न्यूक्लियर बम गिरा तो…
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2016/09/57ece41c19867e6f97a503ac_824879431.gif)
इस लिंक पर क्लिक करने के बाद आप अपने शहर का नाम लिखकर सर्च करें. इसके बाद ये आपके शहर की लोकेशन ले लेगा. फिर बम सेलेक्ट करें. आप बेसिक ऑपशन में एयरबेस और सर्फे़स (मतलब जहां से बम फेंका जायेगा) सेलेक्ट करें. Other Effects के ऑप्शन में जाकर Casualties और Radioactive Fallout सेलेक्ट करें. अब Detonate का बटन दबायें. आपके सामने जान-माल का नुकसान अंकों में आ जायेगा.
हालांकि, ये मात्र एक उपकल्पना पर आधारित है. सच में ऐसा होने वाला नहीं है. लेकिन मन में कभी ये सवाल आया कि अगर ऐसा हो गया तो अंकों में दिखने वाली इन जानों की कीमत कितनों को चुकानी होगी? शायद ये गिनती अंकों में कम पड़ जाये. हम सबसे शांति की अपील करते हैं. मरते लोग ही हैं, चाहे पाकिस्तान में मरें या फिर भारत में. और हां लोगों की गिनती ना तो लोग कर सकते हैं, ना ही कोई इस तरह की वेबसाइट.
इस बात पर गौर करें कि जहां इतिहास में भी लोगों के मरने की सही-सही जानकारी नहीं मिलती है, वहीं आज इस तरह की तकनीक सोचने पर मजबूर करती है कि जो लोग अभी तक मरे नहीं, उनके मरने के आंकड़े पहले ही आ गये.