कोरोना वायरस के ख़तरे को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकारें लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की बात कह कहकर थक चुकी हैं, लेकिन लोग हैं कि मानने को तैयार ही नहीं हैं.
सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाना किसे कहते हैं इसका एक नज़ारा कर्नाटक के रामनगर ज़िले में देखने को मिला है. 14 मई को रामनगर ज़िले के कोलागोंडानहल्ली गांव में एक मेले के दौरान हज़ारों ग्रामीणों ने एकत्रित होकर न केवल सोशल डिस्टेंसिंग का मज़ाक बनाया, बल्कि कोरोना संक्रमण को दावत भी दी.
बताया जा रहा है कि कोलागोंडनाहल्ली गांव में हर साल देवी मरम्मा के सम्मान में एक मेले का आयोजन किया जाता है. लॉकडाउन के बावजूद इस बार भी मेले का आयोजन किया गया. इस मौके पर पिछली बार की तरह ही हज़ारों लोग एकत्र हुए. इस दौरान लोग बिना मास्क लगाए ही हाथों में देवी मरम्मा के लिए प्रसाद की थालियां थामे नज़र आये.
The irony : Hundreds gather at a village in Ramanagar for a religious fair, prayers included an appeal to the Gods to get rid of the #CoronaVirus. All this while they violate norms to contain the virus.
— Deepak Bopanna (@dpkBopanna) May 14, 2020
No #Masks.
No #SocialDistanacing. #COVID19 #COVIDー19 #lockdown pic.twitter.com/3uvSE2694v
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस धार्मिक आयोजन की अनुमति कथित रूप से पंचायत विकास अधिकारी एनसी कालमत्ता द्वारा दी गई थी. इस घटना का एक वीडियो वायरल होने के बाद रामनगर के उपायुक्त द्वारा तहसीलदार की रिपोर्ट के बाद विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार कर्नाटक के रामनगर ज़िले को वर्तमान में ग्रीन ज़ोन में रखा गया है. अगर इसी तरह की गतिविधियां चलते रहीं तो इस क्षेत्र को रेड ज़ोन बनने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.
हाल ही में कर्नाटक के ही कलबुर्गी ज़िले के चित्तपुर में ‘सिद्धलिंगेश्वर’ मेले के दौरान भी सैकड़ों लोग एक साथ रथ खींचते दिखे थे. इस दौरान लोगों को न तो सोशल डिस्टेंसिंग से कोई मतलब था, न ही उन्हें कोरोना का डर था. इस मेले में सैकड़ों लोग शामिल हुए थे.
जानकारी दे दें कि कर्नाटक में अब तक कोरोना के 987 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 35 मौतों भी हो चुकी है. भारत में कोरोना से मरने वाला पहला शख़्स कर्नाटक से ही था.